जम्मू-कश्मीर सरकार में पूर्व मंत्री और कठुआ जिले की बासोहली विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के विधायक चौधरी लाल सिंह का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल हो रहें इस वीडियो में बीजेपी विधायक लाल सिंह कश्मीर घाटी में काम करने वालों पत्रकारों को कथित-तौर पर खुलेआम धमकी देते हुए नज़र आ रहें है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बीजेपी विधायक लाल सिंह ने कहा, ‘जैसे कश्मीर के पत्रकारों ने एक गलत माहौल पैदा कर दिया था उधर। अब तो मै कश्मीर के पत्रकारों से कहूंगा कि आप भी अपनी जर्नलिज्म की लाइन तय कर लें, कि आपने कैसे रहना है। वैसे रहना है, जैसे वो बाशात (शुजात बुखारी) के साथ हुआ है। इस तरीके के हालात बनते रहें इसलिए अपने आपको (पत्रकार) संभाले और एक रेखा तय करें ताकि भाई चारा ब्रेक ना हो और हमारा भाई चारा बना रहें।’
वहीं, इस वीडियो पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि, ‘प्रिय पत्रकारों, आपके सहकर्मियों को अभी-अभी बीजेपी विधायक के द्वारा धमकाया गया। ऐसा लगता है कि शुजात की मृत्यु अब गुंड्डों के लिए पत्रकारों के खिलाफ एक हथियार बन गया है।’
Dear journalists, your colleagues in Kashmir just got threatened by a @BJP4India MLA. It seems Shujaat’s death is now a tool for goons to use to threaten other journalists. https://t.co/LCLeWnHAK7
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 23, 2018
गौरतलब है कि, कठुआ गैंग रेप मामले में आरोपियों का पक्ष लेने के कारण लाल सिंह चर्चा में आए थे, उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। लाल सिंह ने कठुआ रेप के आरोपियों के पक्ष में निकाली गई रैली में हिस्सा लेकर बवाल खड़ा कर दिया था। लाल सिंह का मानना है कि कठुआ मामले को पत्रकारों की वजह से हवा मिली और उन्हें मंत्री पद से त्याग पत्र देना पड़ा।
बता दें कि, वरिष्ठ पत्रकार एवं राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी और उनके पीएसओ की गुरुवार (14 जून) की शाम में श्रीनगर में उनके कार्यालय के बाहर अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। बुखारी ने पूर्व में द हिन्दू के कश्मीर संवाददाता के रूप में भी काम किया था। उन्होंने कश्मीर घाटी में कई शांति सम्मेलनों के आयोजनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह पाकिस्तान के साथ ट्रैक-2 प्रक्रिया का भी हिस्सा थे।
गौरतलब है कि, अज्ञात बंदूकधारियों के हमले में मारे जाने से महज कुछ घंटे पहले शुजात बुखारी ने ट्विटर पर तब अपने काम का जबर्दस्त बचाव किया जब दिल्ली के कुछ पत्रकारों ने उन पर कश्मीर को लेकर ‘पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग’ करने का आरोप लगाया। उन्होंने घाटी में कथित मानवाधिकार उल्लंघन पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट भी पोस्ट की थी।
उनके आखिर ट्वीटों में एक में लिखा था, ‘कश्मीर पर पहली संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार रिपोर्ट मानवाधिकार उल्लंघन की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग करती है।’ एक अन्य ट्वीट में मुखर बुखारी ने लिखा था, ‘कश्मीर में हमने पत्रकारिता गर्व के साथ की है और जमीन पर जो कुछ होगा, हम उसे प्रमुखता से उठाते रहेंगे।’
It is unfortunate that a credible think tank like @orfonline should allow this diatribe in absence of the person referred to. In #Kashmir we have done Journalism with pride and will continue to highlight what happens on ground. @samirsaran https://t.co/bGjajFT9yb
— Shujaat Bukhari (@bukharishujaat) June 14, 2018