उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के मामले में योगी सरकार ने सोमवार (29 जनवरी) को कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक को हटा दिया। सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि कासगंज के पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह को हटा दिया गया है। उनके स्थान पर पीयूष श्रीवास्तव को पुलिस कप्तान बनाया गया है।
मालूम हो कि गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर कासगंज शहर में कथित रूप से आपत्तिजनक नारों को लेकर दो समुदायों के बीच पथराव और फायरिंग में अभिषेक उर्फ चंदन गुप्ता नाम के एक युवक की मौत हो गई थी तथा कुछ अन्य घायल हो गये थे। इस वारदात के बाद शहर में रह-रहकर हिंसक वारदात हुई थीं। मामले में अब तक 112 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
कासगंज में हुई हिंसा के बाद अब स्थिति तेजी से सामान्य हो रही है। बाजार खुलने लगे हैं। लोगों की आवाजाही बढ़ी है, हालांकि एहतियात के तौर पर कस्बे में सुरक्षाबल कड़ी चौकसी रहे हैं। उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हिंसा में जान गंवा देने वाले चंदन के घर पहुंचकर उनके परिजनों को जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने 20 लाख रुपये का चेक सौंपा। मौके पर मौजूद विधायक देवेंद्र सिंह ने चंदन के पिता को 1 लाख रुपये का नकद दिया।
#UPCM श्री #YogiAdityanath ने कासगंज की घटना में मृत युवक चंदन गुप्ता के परिजनों को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) January 28, 2018
हिंदुस्तान के मुताबिक, जिलाधिकारी आरपी सिंह के साथ पुलिस अधीक्षक एसपी सुनील कुमार और अमापुर क्षेत्र से विधायक देवेन्द्र सिंह को वहां विरोध का भी सामना करना पड़ा। लोगों ने जिला प्रशासन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोग इनके आगमन का जोरदार विरोध कर रहे थे। परिजन हिंसा में जान गंवा देने वाले बेटे को शहीद का दर्जा दिये जाने की मांग कर रहे थे। मृतक चंदन गुप्ता के परिवार के लोगों ने काफी मान मनौवनल के बाद चेक को स्वीकार किया।
दैनिक जागरण के मुताबिक, पुलिस का दावा है कि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। शहर पर ड्रोन कैमरों की मदद से नजर रखी जा रही है। आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक अजय आनंद ने दावा किया कि शहर में डर का माहौल नहीं है। पुलिस ने वारदात पर रोक लगाई है और घटनाओं में शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शा जाएगा। लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है।
राज्यपाल राम नाईक ने हिंसा को बताया कलंक
इस बीच कासगंज की घटना पर राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि ये घटना उत्तर प्रदेश पर कलंक है। सोमवार (29 जनवरी) को महाराणा प्रताप के परिनिर्वाण दिवस के मौके पर राज्यपाल ने कहा कि कासगंज की घटना किसी के लिए भी शोभादायक नहीं है। कासगंज हिंसा को शर्मनाक बताते हुए उन्होंने राज्य सरकार से कहा कि प्रशासनिक मशीनरी को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए जिससे ऐसी घटनाएं फिर से ना हो।
Jo #Kasganj mein hua woh kisi ko bhi shobha dayak nahi hai. Wahan jo ghatna hui woh UP ke liye kalank ke roop mein hui hai. Sarkaar uski jaanch kar rahi hai. Sarkaar aise kadam uthaye ke phir se aisa na ho: Uttar Pradesh Governor Ram Naik in Lucknow #KasganjClashes pic.twitter.com/ZGL7gGMsjZ
— ANI UP (@ANINewsUP) January 29, 2018
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि, ‘जो कासगंज में हुआ वो किसी को भी शोभा दायक नहीं है, वहां जो घटना हुई है यूपी के लिए कलंक के रूप में हुई है, सरकार उसकी जांच करा रही है, सरकार ऐसे कदम उठाये कि फिर से ऐसा ना हो।’ राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से इस मामले की तह तक जाकर जांच के निर्देश दिए।