बता दें कि 8 मई को सीएम अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा को आम आदमी पार्टी(आप) की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया। इससे पहले आम आदमी पार्टी में कुमार विश्वास बनाम अरविंद केजरीवाल की लड़ाई ने 6 मई को उस वक्त नया मोड़ ले लिया, जब विश्वास के करीबी माने जा रहे मंत्री कपिल मिश्रा को पद से हटा दिया गया।
दिल्ली सरकार से हटाए जाने के एक दिन बाद 7 मई को मिश्रा ने मुख्यमंत्री केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। मिश्रा ने राजघाट पर कहा कि उन्होंने जैन को केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर उन्हें 2 करोड़ रुपये नगद सौंपते हुए देखा। उनके मुताबिक जब उन्होंने इसके बारे में पूछा तो मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति में कुछ चीजें बताई नहीं जा सकतीं।
मिश्रा ने कहा कि केजरीवाल में पूरा विश्वास होने की वजह से मैं चुप था। परसों मैंने देखा कि जैन केजरीवाल को 2 करोड़ रुपये नकद दे रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि राजनीति में कुछ चीजें होती हैं। केजरीवाल को जैन की ओर से इतनी बड़ी राशि देते हुए देखने के बाद मुझे सामने आना पड़ा।
साथ ही मिश्रा ने आरोप लगाया कि जैन ने मुझे बताया था कि उन्होंने केजरीवाल के रिश्तेदार का 50 करोड़ रुपये का भूमि सौदा कराया है। AAP विधायक ने कहा कि इस मुद्दे पर केजरीवाल से सवाल-जवाब करने के बाद उनको कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया गया। अब कपिल मिश्रा आम आदमी पार्टी के नेताओं के विदेशी दौरे की जानकारी को सार्वजनिक करने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे हैं।