उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले स्थित जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉक्टर आरती लालचंदानी का विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उनपर गाज गिर गई है। डॉक्टर आरती लालचंदानी का तबादला झांसी मेडीकल कॉलेज कर दिया गया है। उनके स्थान पर डॉ. आरबी कमल को चार्ज देने की तैयारी है। हालांकि डॉ. लालचंदानी ने झांसी आने से इनकार किया है। बता दें कि, एक स्टिंग वीडियो में आरती लालचंदानी तब्लीगी जमातियों एवं समुदाय विशेष पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए पकड़ी गई थी।
अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर आरती लालचंदानी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि आदेश तो नहीं मिला लेकिन तबादला हो गया है। अभी सितंबर तक उनका कार्यकाल है। ऐसे में उन्होंने झांसी आने से इंकार कर दिया।
बताया जा रहा है कि वह किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी केजीएमयू लखनऊ के कुलपति की दौड़ में भी शामिल हैं। उनका कार्यकाल तीन महीने बचा है। ऐसे में वह झांसी ज्वाइन करने के बजाए इस्तीफा दे सकती हैं।
गौरतलब है कि, पहले भी उनका तबादला बांदा और कन्नौज मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य पद पर हुआ था लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। वहीं, इस ख़बर को लेकर जब ‘जनता का रिपोर्ट’ ने डॉक्टर आरती लालचंदानी से संपर्क करने की कोशिश की तो उनसे हमारा संपर्क नहीं हो सका और ना ही जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से हमारा कोई संपर्क हो पाया।
बता दे कि इससे पहले दैनिक जागरण ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि, आरती लालचंदानी के तबादले पर गुरुवार सुबह सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुहर लगा दी है। शासन से आदेश की प्रति महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा (डीजीएमई) को मिल गई है। आरती लालचंदानी को रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज झांसी की प्रिंसिपल बनाई गई है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पद की जिम्मेदारी प्रो. आरबी कमल को दी गई है।
बता दें कि, आरती लालचंदानी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। वीडियो में वह असंवैधानिक और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए अल्पसंख्यक समुदाय पर निशाना साधती हैं। साथ ही वह जमातियों को खुलकर आतंकवादी बता रही हैं। आरती लालचंदानी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर ‘तुष्टिकरण’ की राजनीति करते हुए तबलीगी जमात के सदस्यों को सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने का आरोप लगाती है। वायरल वीडियो में प्रिंसिपल डॉ. आरती लालचंदानी कुछ लोगों के साथ बातचीत करते हुए देखा जा रहा है, जो पत्रकार लग रहे हैं।
वीडियो वायरल होने पर आरती लालचंदानी ने नया वीडियो जारी किया है। इसमें वे कहती हैं कि ये घटना 75 दिन पहले की है और इसे बदनीयती से मेरे विरोधियों ने अब जाकर रिलीज किया है। मेरे संपर्क में कई मुस्लिम भाई-बहन और बच्चे हैं, जिन्हें मैंने अपनों की तरह प्यार किया है। उनकी सेवा की है। यहां तक कि तब्लीगी जमात के जिन मरीजों ने हमारे हेल्थ वर्कर्स पर हमला किया था, हमने उनसे भी अच्छे रिश्ते बनाए। उन्होंने कुछ दिनों के भीतर माफी मांग ली थी। हमने भोजन-पानी और दवाओं से उनकी हर तरह से तीमारदारी की। इसके लिए उन्होंने हमारा शुक्रिया भी अदा किया।
In this viral video, head of Kanpur Medical College is seen making highly objectionable comments about Muslim #covid19 patients. Accuses CM @myogiadityanath of indulging in Muslim appeasement politics. She was the one who had accused Tablighi Jamaar members of spitting last month pic.twitter.com/UhcKBe9A8t
— Rifat Jawaid (@RifatJawaid) May 31, 2020
आरती लालचंदानी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के वकील अली जैदी ने कानपुर पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने और आलोचनाओं का सामना करने के बाद डॉक्टर आरती लालचंदानी ने माफी मांग ली थी। लेकिन उसके बाद भी कई लोगों का कहना है कि केवल माफी ही पर्याप्त नहीं होगी क्योंकि उनके इस बयान से भारत के मुस्लिम समुदाय के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।