मध्यप्रदेश में नवगठित कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य में नए ‘अध्यात्म विभाग’ के गठन का ऐलान किया है। अध्यात्म विभाग के गठन का उद्देश्य सभी धर्मो, पंथों और आस्था को समाहित करते हुए प्रदेश में साम्प्रदायिक सद्भाव और सर्वधर्म समभाव को बढ़ावा देना बताया गया है। खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर अध्यात्म विभाग के गठन का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ के कार्यालय सीएमओ एमपी के ट्विटर पर शनिवार को ट्वीट के जरिए इस संबंध में जानकारी दी गई। बताया गया है कि सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा अध्यात्म विभाग के गठन का प्रस्ताव तैयार किया गया है। अगले ट्वीट में बताया गया, ‘धार्मिक न्यास, धर्मस्व विभाग और आनंद विभाग को शामिल करते हुए नवगठित होने जा रहे इस प्रस्तावित अध्यात्म विभाग में धार्मिक न्यास और धर्मस्व संचालनालय, तीर्थ एवं मेला प्राधिकरण, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना संचालनालय और राज्य आनंद संस्थान समाहित होंगे।’
धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग तथा आनंद विभाग को शामिल करते हुए नवगठित होने जा रहे इस प्रस्तावित अध्यात्म विभाग में धार्मिक न्यास तथा धर्मस्व संचालनालय, तीर्थ एवं मेला प्राधिकरण ,मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना संचालनालय और राज्य आनंद संस्थान समाहित होंगे।@JansamparkMP
— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) December 29, 2018
बता दें कि कांग्रेस ने अपने 112 पेज के घोषणा पत्र में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर अध्यात्म विभाग बनाने का वादा किया था, इसके साथ ही कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में प्रदेश में चित्रकूट क्षेत्र में राम गमन पथ बनाने और गोमूत्र, गोबर के कंडों के व्यावसायिक उत्पादन का भी वादा किया है।
बीजेपी शासनकाल के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के निर्देश पर देश में पहली दफा किसी प्रदेश में आनंद विभाग का गठन किया गया था। अब मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर इस नए गठित किए जा रहे अध्यात्म विभाग में ही आनंद विभाग को भी शामिल करने का प्रस्ताव है।