पिछले दिनों 24 घंटे के अंदर महागठबंधन छोड़कर भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के साथ सरकार बनाने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल युनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता शरद यादव के बीच तकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच शरद यादव के बागी तेवर को देखते हुए उन्हें जेडीयू से बाहर निकालने की कवायद शुरू हो चुकी है।

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, मंगलवार(5 सितंबर) को जेडीयू का एक प्रतिनिधि मंडल उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मुलाकात कर शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की। जेडीयू के राज्यसभा में संसदीय दल के नेता आरसीपी सिंह और पार्टी महासचिव संजय झा ने उपराष्ट्रपति से मुलाकात की। इस संबंध में JDU नेताओं ने शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता समाप्त करने को लेकर एक ज्ञापन सौंपा।
JDU's RCP Singh and SK Jha meet Vice President Venkaiah Naidu, submit memorandum requesting to cancel Sharad Yadav's Rajya Sabha membership
— ANI (@ANI) September 5, 2017
बता दें कि महागठबंधन टूटने से शरद यादव, नीतीश कुमार से नाराज चल रहे हैं। पिछले दिनों पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की ‘बीजेपी भगाओ, देश बचाओ’ महारैली में विपक्ष दलों के साथ शरद यादव ने भी मंच साझा किया था। शरद यादव ने लालू यादव की पार्टी की रैली में खुलेआम नीतीश कुमार को चुनौती दी थी।
इससे पहले 10 अगस्त को नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा यादव ने कहा था कि ‘गठबंधन हमने पांच साल के लिए किया था। 11 करोड़ लोगों का विश्वास टूटा है।’ मीडिया से बातचीत में शरद ने कहा था, ‘जिस जनता ने गठबंधन बनाया था, जिस जनता से हमने जो करार किया था, वो ईमान का करार था। वो टूटा है जिससे हमको तकलीफ हुई है।’
उन्होंने कहा था कि 70 साल के इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण नहीं मिलता, जहां दो पार्टी या गठबंधन जो चुनाव में आमने-सामने लड़े हों और जिनके मेनिफेस्टो अलग-अलग हों, दोनों के मेनिफस्टो मिल गए हों। इसके अलावा जदयू से अलग रास्ता अख्तियार करते हुए शरद यादव ने गुजरात में राज्यसभा का महत्वपूर्ण चुनाव जीतने पर कांग्रेस नेता अहमद पटेल को बधाई दी थी।