इस समय देश में 17वीं लोकसभा के गठन के लिए मतदान की प्रक्रिया जोर-शोर से चल रही है। कुल सात चरणों में होने वाली मतदान प्रक्रिया के पांच चरण पूरे हो चुके हैं, जबकि छठे चरण में रविवार (12 मई) को और सांतवे चरण का मतदान 17 मई को होगा। लोकसभा चुनाव के पांच चरण बीत जाने के बाद एनडीए में शामिल जनता दल (युनाइटेड) से नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग फिर से उठने लगी है।

बिहार जेडीयू के नेता गुलाम रसूल बलियावी ने गुरुवार को एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से कहा कि इस बार चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी को बहुमत नहीं मिलने जा रहा है, इसलिए नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित किया जाना चाहिए।
जेडीयू नेता और राज्यसभा के पूर्व सांसद गुलाम रसूल बलियावी ने कहा, “इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को बहुमत नहीं मिल रहा है, इसलिए नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में पेश किया जाना चाहिए।” बलियावी के इस बयान के बाद बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
बीजेपी के विधायक नितिन नवीन ने कहा कि मुख्यमंत्री और जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार सहित सभी नेता मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की बात कर रहे हैं, ऐसे में बलियावी का यह अलग राग अपनाना कई इशारे करता है। उन्होंने विरोधियों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि बलियावी को अगर कहीं और जाने की इच्छा है तो उन्हें स्पष्ट कहना चाहिए। नवीन ने दावा करते हुए कहा कि यह बलियावी के अपने दिमाग की उपज है।
जेडीयू नेता के बयान पर विपक्ष ने भी तंज कसा। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने चुटकी लेते हुए कहा, “अब भाजपा ही बताए कि उनके गठबंधन में कौन प्रधानमंत्री पद का चेहरा है। नीतीश कुमार भाजपा की पीठ में छुरा घोंपने को तैयार बैठे हैं।” (इंपुट: आईएएनएस के साथ)