इस दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मंच पर मौजूद थे। मुखर्जी ने इस अवसर पर इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके जीवन और कार्यों पर एक पुस्तक का विमोचन किया।उन्होंने अंसारी द्वारा विमोचित ‘इंडियाज इंदिरा- ए सेंटेनियल ट्रिब्यूट’ की पहली प्रति ग्रहण की। कांग्रेस इंदिरा गांधी की शताब्दी जयंती मना रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा द्वारा संपादित इस पुस्तक में इंदिरा गांधी के कार्यों और उनके जीवन की घटनाओं का संकलन है तथा इसकी प्रस्तावना सोनिया गांधी ने लिखी है जो खराब स्वास्थ्य के कारण इस कार्यक्रम में शमिल नहीं हो सकीं।
इस अवसर पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोनिया गांधी की ओर से उनका भाषण पढ़ा। भाषण में कहा गया कि मैने इंदिरा गांधी में देशभक्ति का जो जज्बा देखा वह श्रेष्ठ था जो उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम से आत्मसात किया था। सोनिया ने कहा कि इंदिरा गांधी एक मित्र और सलाहकार थीं और अपनी इच्छाएं मेरे ऊपर नहीं थोपें, इसको लेकर वह बेहद सतर्क थीं।
राहुल ने कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से कहा कि इंदिरा गांधी पद, जाति और संप्रदाय जैसे भेदभाव को नापसंद करती थीं। उनके पास दंभ या आडंबर के लिए कोई वक्त नहीं था। वह पाखंड अथवा धोखेबाजी को तत्काल पहचान जाती थीं। उन्हें भारतीय होने का गर्व था, साथ ही वह वृहद एंव सहिष्णु विचारों वाली एक वैश्विक नागरिक थीं।
She was the best leader India ever had. Now we have our Arvind Kejriwal.