आज कल सोशल मीडिया सहित भारतीय समाचार चैनलों पर फर्जी खबरों की बाढ़ आ गई है। यही वजह है कि मीडिया पर जनता का भरोसा उठता जा रहा है। वहीं अगर कोई पत्रकार हिम्मत करके अपने संस्थान को आईना दिखाने की कोशिश करता है तो उसे नौकरी से हाथ होना पड़ता है।ऐसा ही एक ताजा मामला देश के प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में से एक इंडिया टुडे ग्रुप से आया है, जहां कथित तौर पर इंडिया टुडे ग्रुप के DailyO की एक महिला संपादक को इसलिए नौकरी से निकाल दिया गया, क्योंकि उसने पत्रकारिता की बढ़ाई के दौरान सिखाए गए ऊसूलों को याद रखते हुए एंकरों, रिपोर्टरों और संपादकों द्वारा फर्जी खबर चलाए जाने को लेकर ट्वीट किया था।
कथित तौर प्रबंधन ने उस पर दवाब डाला कि वो ट्वीट डिलीट करे। ऐसा न करने पर महिला पत्रकार को नौकरी से निकाल दिया गया। दरअसल आजकल कई पत्रकार चैनल से हटकर सोशल मीडिया पर अपनी निजी टिप्पणी करते हैं। ऐसी ही निजी टिप्पणी इंडिया टुडे ग्रुप के DailyO की पत्रकार अंगशुकांता चक्रवर्ती ने भी की, जिसका उन्हें खामियाज़ा भुगतना पड़ गया।
Promoters turning a blind eye to hate-mongering, fake news spreading news anchors, editors, reporters and writers, or hiring them in the first place, must be tried in courts as hate speech enablers-profiteers. Must be boycotted socially by secular politicians & Industrialists.
— Angshukanta (@angshukanta) February 4, 2018
पत्रकार अंगशुकांता DailyO में राजनीतिक संपादक के पद पर कार्यरत थीं। रिपोर्ट के मुताबिक यह पद उन्हें पिछले साल ही प्रमोशन देकर दिया गया था। अंगशुकांता की पहचान बतौर कॉलमिस्ट एक ऐसे पत्रकार की थी, जो राजनीतिक घटनाओं पर तीखी नजर रखती हैं। लेकिन उन्होंने ट्विटर पर एक ट्वीट किया जिसके बाद उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया है।
अंगशुकांता ने ट्विटर पर जो ट्वीट किया था, जिसमे उन्होंने मीडिया के मौजूदा हालात पर उन्होंने चिंता व्यक्त की थी।इसी ट्वीट के कारण कथित तौर पर उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। संपादक ने साफ तौर पर फर्जी खबरें, नफरत फैलाने वाले संपादकों, एंकरो और पत्रकारों पर निशाना साधा था।
हालांकि उन्होंने अपने ट्वीट में ना तो किसी कंपनी का, ना ही किसी शख्स का जिक्र किया था। उनका यह ट्वीट सभी समाचार चैनलों पर लागू होता है। इसके बावजूद उनको बर्खास्त कर दिया गया। बता दें कि इससे पहले इंडिया टुडे के वरिष्ठ संपादक अभिजीत मजूमदार ने भी राहुल उपाध्याय नाम के युवक को उत्तर प्रदेश के कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा में मरा हुआ बता दिया था।