भारत ने बुधवार (22 नवंबर) को इतिहास रचते हुए पहली बार ब्रह्मोस मिसाइल का सुखोई लड़ाकू विमान से सफल परीक्षण किया। बता दें कि दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का पहली बार भारतीय वायुसेना के सुखोई-30-एमकेआई लड़ाकू विमान से परीक्षण किया गया है।इस परीक्षण के साथ ही भारत ने इतिहास रचते हुए दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसके पास जमीन, समुद्र तथा हवा से चलाई जा सकने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इस मिसाइल का असली वजन 2.9 टन होता है, लेकिन जिस मिसाइल को टेस्ट किया गया उसका वजन 2.4 टन था। इस मिसाइल को दो इंजनों वाले सुखोई विमान से बंगाल की खाड़ी में छोड़ा गया।
यह मिसाइल अंडरग्राउंड परमाणु बंकरों, कमांड ऐंड कंट्रोल सेंटर्स और समुद्र के ऊपर उड़ रहे एयरक्राफ्ट्स को दूर से ही निशाना बनाने में सक्षम है। बीते एक दशक में सेना ने 290 किलोमीटर की रेंज में जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल को पहले ही अपने बेड़े में शामिल कर लिया है।
सफल परीक्षण की पुष्टि करते हुए रक्षा मंत्रालय ने बुधवार (22 नवंबर) को एक बयान में कहा कि मिसाइल को सुखोई-30-एमकेआई या एसयू-30 विमान के फ्यूज़लेज से गिराया गया। दो चरणों में काम करने वाला मिसाइल का इंजन चालू हुआ और वह बंगाल की खाड़ी में स्थित अपने टारगेट की तरफ बढ़ गई। मंत्रालय का कहना है कि इस परीक्षण से भारतीय वायुसेना की हवाई युद्ध की ऑपरेशनल क्षमता खासी बढ़ जाएगी।
India creates a world record and completes Supersonic Cruise Missile Triad by successfully testing #BRAHMOS #ALCM from Indian Air Force Sukhoi-30MKI fighter aircraft. Smt @nsitharaman congratulates Team Brahmos & @DRDO_India for this historic achievement.
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) November 22, 2017