कड़ी सुरक्षा के बीच पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की 68 सीटों के लिए गुरुवार (9 नवंबर) सुबह आठ बजे से मतदान जारी है। वोटिंग के लिए ठंड और कोहरे के बीच सुबह से ही लोगों की लंबी कतारें लगी हैं। शाम 5 बजे तक वोट डाले जाएंगे। इस बीच मतदान में स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता श्याम शरण नेगी भी वोट डाल चुके हैं। उन्होंने किन्नौर के कल्पा स्थित चिनी पोलिंग बूथ नंबर 51 में मतदान किया।

स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता श्याम शरण नेगी किन्नौर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के कल्पा में जब अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने पहुंचे तो मतदान केंद्र पर रेड कार्पेट बिछाकर उनका स्वागत किया गया। नेगी को मतदान केंद्र तक पहुंचाने और घर तक छोड़ने की व्यवस्था खुद चुनाव आयोग ने की थी। आयोग ने कहा कि श्याम नेगी देश के लिए गौरव हैं।
बता दें कि 100 साल की उम्र पार कर चुके नेगी ने अबतक सभी 16 लोकसभा चुनावों तथा 14 विधानसभा चुनावों में मताधिकार का इस्तेमाल किया है और इस तरह से वह अब तक 31 बार मतदान कर चुके हैं। गुरुवार को उन्होंने 32वीं बार मतदान किया। देश में जब 1952 में पहली बार चुनाव काराया गया था तो नेगी ने 25 अक्तूबर 1951 में पहली बार मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
दरअसल, उस वक्त बर्फ पडने के कारण हिमाचल प्रदेश के उस इलाके में समय से पहले मतदान कराया गया था जिसमें नेगी ने सबसे पहले मतदान किया था और इस तरह वह स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता बन गए थे। उस समय वह कल्पा में चुनाव ड्यूटी पर थे और उसी मतदान केंद्र पर उन्होंने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
राज्य के सभी 68 निर्वाचन क्षेत्रों में पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुकाबला है। चुनावी मैदान में 62 विधायकों सहित 337 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, 10 मंत्री, आठ मुख्य संसदीय सचिव, विधानसभा के उपाध्यक्ष जगत सिंह नेगी, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और एक दर्जन से ज्यादा पूर्व मंत्री समेत अन्य चुनावी मुकाबले में हैं।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सत्तारुढ़ कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री धूमल की अगुवाई में बीजेपी सभी 68 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बीएसपी 42, सीपीएम 14 सीट पर, स्वाभिमान पार्टी और लोक गठबंधन पार्टी छह-छह सीटों पर और सीपीएम तीन सीटों पर मैदान में है। मंगलवार को खत्म हुए 12 दिवसीय सघन प्रचार अभियान में बीजेपी और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों ने 450 से ज्यादा रैलियां कीं।