जम्मू कश्मीर में एक सप्ताह पहले सुरक्षा बलों के अभियानों पर रोक लगाये जाने संबंधी केन्द्र की घोषणा के बाद से इस राज्य में पथराव की घटनाओं में कमी आई है।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, सुरक्षा बलों द्वारा किये गये एक आकलन का हवाला देते हुए एक अधिकारी ने गुरुवार(24 मई) को यह जानकारी दी। उपलब्ध आकड़े के अनुसार 16-23 मई के बीच कश्मीर घाटी में पथराव की केवल 16 घटनाएं हुई जबकि 08-15 मई की अवधि में इस तरह के 38 मामले सामने आये थे। 16 मई से 23 मई तक पथराव की जो घटनाएं सामने आई उनमें श्रीनगर(7), अनंतनाग(3), बड़गाम(2), शोपियां(2), बांदीपोरा(1) और बारामुला(1) शामिल हैं।
आठ मई से 15 मई तक पथराव के 38 मामले सामने आये जिनमें से श्रीनगर में (13), शोपियां(8), पुलवामा(6), कुपवाड़ा(4), अनंतनाग(2), बांदीपोरा(2), बड़गाम(2) और गंदेरबल(1) शामिल हैं। जम्मू कश्मीर पुलिस के प्रमुख एस पी वैद्य ने भी कहा कि ‘रमजान संघर्ष विराम’ अब तक सफल रहा है।
राज्य के पुलिस महानिदेशक ने ट्विटर पर कहा ,‘‘माननीय प्रधानमंत्री की पहल से कानून एवं व्यवस्था को सुधारने में मदद मिली। विशेषकर दक्षिण कश्मीर में स्थिति आसान बन गई है और उन परिवारों में विश्वास पैदा हुआ है जो अपने लड़कों की घर वापसी चाहते है।’’
गृह मंत्रालय ने 16 मई को घोषणा की थी कि पवित्र रमजान के महीने में जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बल कोई भी अभियान नहीं चलायेंगे। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि यह निर्णय रमजान में शांति पसंद मुस्लिमों की मदद करने के लिए लिया गया है। मंत्रालय ने कहा था कि हालांकि हमले होने या निर्दोष लोगों की जान बचाने के लिए सुरक्षा बलों के पास जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार होगा।