उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद वरुण गांधी ने वंशवाद की राजनीति पर करारा हमला बोलते हुए शनिवार (11 नवंबर) को कहा कि ‘मैं फिरोज वरुण गांधी हूं। यदि मेरा सरनेम ‘गांधी’ नहीं होता, तो क्या मैं 29 साल की उम्र में सांसद बन सकता था?’

उन्होंने कहा कि मैं ऐसा भारत देखना चाहता हूं, जहां मेरे वरुण दत्त, वरुण घोष या वरुण खान होने से कोई फर्क न पड़े। सबको बराबर मौके मिलने चाहिए। गौरतलब है कि वरुण गांधी इससे पहले भी ‘गांधी’ सरनेम को लेकर बयान देते रहे हैं।
यूपी में 2012 के निकाय चुनावों के दौरान भी उन्होंने इसका जिक्र करते हुए कहा था कि मैं अगर आज सांसद हूं तो इसलिए कि गांधी परिवार से आता हूं। अगर दूसरे परिवार से आता तो शायद मैं भी दूसरे युवाओं की तरह पोस्टर पर चिपका रहता।
सुलतानपुर से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि ‘मैं फिरोज वरुण गांधी हूं। अगर मेरा सरनेम गांधी नहीं होता तो क्या मैं 29 वर्ष की उम्र में सांसद बन पाता? मैं ऐसा भारत देखना चाहता हूं जहां इससे फर्क न पड़ता हो कि मैं वरुण गांधी, वरुण दत्ता या वरुण खान हूं। यहां सभी को बराबर मौका मिले।’
I am Feroze Varun Gandhi.If my surname was not Gandhi would have I become an MP at the age of 29 years? Want to see an India where it doesn't matter if I was Varun Dutta or Varun Ghosh or Varun Khan.All must get equal opportunities: BJP MP Varun Gandhi pic.twitter.com/PndmHbHNHi
— ANI (@ANI) November 11, 2017
बता दें कि अभी हाल में वरुण गांधी के चचेरे भाई और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने वशंवाद को लेकर अमेरिका में एक कार्यक्रम में कहा था कि पूरा देश ही ऐसा चल रहा है। उन्होंने इस कड़ी में सपा प्रमुख अखिलेश यादव, डीएमके नेता स्टालिन से लेकर अभिनेता अभिषेक बच्चन तक के नाम गिनाए थे।
वैसे बीजेपी के बड़े-बड़े नेता कांग्रेस के वंशवाद खासकर नेहरू-गांधी के उपर निशाना साधती रहते हैं। हालांकि बीजेपी ने खुद अपनी पार्टी में गांधी परिवार के दो महत्वपूर्ण सदस्यों मेनका गांधी और वरुण गांधी को जगह दे रखी है। मेनका गांधी केंद्र में मंत्री हैं और वरुण गांधी सांसद हैं।