गांधी के हत्यारे गोडसे को ‘थैंक्यू’ कहने वाली IAS अधिकारी के सिर्फ ट्रांसफर पर भड़कीं अलका लांबा, नौकरी से की बर्खास्त करने की मांग

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अपने ट्वीट में दुनिया भर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमाएं और भारतीय नोटों से उनके चित्र हटाने का आह्वान करने और 30 जनवरी 1948 के लिए महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को धन्यवाद देने वाली महाराष्ट्र की 2012 के बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी निधि चौधरी का स्थानांतरण (ट्रांसफर) कर दिया गया है। चौधरी को राज्य मुख्यालय में जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग में उप सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है।

एक अधिकारी ने बताया कि ‘व्यंगपूर्ण’ ट्वीट पर महाराष्ट्र सरकार ने नौकरशाह को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। उन्हें ट्विटर पर की गई पोस्ट के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए भी कहा गया है। सरकार ने उनके ट्वीट को महात्मा गांधी के खिलाफ एक निंदा के रूप में लिया, जिसके बाद यह कदम उठाया गया। चौधरी के खिलाफ कार्रवाई एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की मांग पर हुई जिन्होंने रविवार को गांधी के खिलाफ विवादित ट्वीट के सिलसिले में आईएएस अधिकारी के खिलाफ ‘कठोर’ कार्रवाई करने की मांग की।

आईएएस अधिकारी निधि चौधरी के एक ट्वीट पर शुरू हुआ विवाद अब काफी आगे बढ़ गया है। अपने विवादित ट्वीट में अधिकारी ने महात्मा गांधी की हत्या की तारीख का जिक्र करते हुए नाथूराम गोडसे को ‘धन्यवाद’ कहा था। इस मामले में एनसीपी ने विरोध दर्ज कराते हुए निधि को निलंबित करने की मांग की है। कांग्रेस ने भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। वहीं, मामला तूल पकड़ने के बाद निधि ने अपना विवादित ट्वीट डिलीट कर दिया है।

बता दें कि चौधरी ने 17 मई को एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था, “150वीं जयंती वर्ष का क्या शानदार समारोह चल रहा है.. यह सही समय है जब हम अपनी मुद्रा पर से उनके चेहरे को, दुनियाभर से उनकी मूर्तियों को हटा दें, उनके नाम पर रखे गए संस्थानों/सड़कों के नाम बदल दें। यह हम सभी के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी! 30 जनवरी, 1948 के लिए गोडसे को धन्यवाद।”

अलका लांबा ने की बर्खास्त करने की मांग

निधि चौधरी के सिर्फ ट्रांसफर पर नाराजगी व्यक्त करते हुए चांदनी चौक से आम आदमी पार्टी (AAP) की विधायक अलका लांबा ने अधिकारी को नौकरी से बर्खास्त करने की मांग की है। अलका ने ‘जनता का रिपोर्टर’ की खबर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, “ट्रांसफर क्यों? नोकरी से बर्खास्त क्यों नहीं? आखिर गोड़से भक्त ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान किया है… गोड़से अनुयायी लगता है बचा ले गए इसे…”

बता दें कि अधिकारी के इस ट्वीट के बाद एक राजनीतिक हंगामा शुरू हो गया, जिसके बाद राज्य सरकार ने चौधरी के खिलाफ यह कार्रवाई करने को मजबूर हुई। अपने तरह के एक अनूठे घटनाक्रम के तहत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने रविवार देर शाम मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को व्यक्तिगत रूप से लिखा, और चौधरी के लिए ‘कड़ी सजा’ की मांग की, जिन्होंने अपनी टिप्पणी से राष्ट्रपिता का अपमान किया और महात्मा के हत्यारे नाथूराम गोडसे को महिमामंडित किया।

फडणवीस को लिखे पत्र में पवार ने कहा, ”अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो माना जाएगा कि इसकी नीतियां और मंशा निम्नतम स्तर पर पहुंच चुकी है।” मुंबई के उप निगमायुक्त चौधरी ने दुनिया भर से महात्मा गांधी की प्रतिमाएं और भारतीय नोटों से उनके चित्र हटाने का आह्वान किया था और 30 जनवरी 1948 के लिए महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को धन्यवाद दिया था। इसी दिन राष्ट्रपिता की हत्या हुई थी।

चौधरी ने दी सफाई 

विवाद भड़कने के बाद अधिकारी ने स्पष्ट किया कि ट्वीट ‘व्यंगात्मक’ था और इसे गलत तरीके से पेश किया गया। निधि ने ट्वीट कर लिखा, “मैंने गांधी जी से जुड़े 17.05.2019 के अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया है, क्योंकि कुछ लोगों ने इसे गलत समझा। यदि केवल उन्होंने 2011 के बाद से मेरी टाइमलाइन को देखा होता, तो वे समझ जाते कि मैं सपने में भी गांधी जी का अपमान नहीं करना चाहूंगी। मैं उनका सम्मान करती हूं और आखिरी सांस तक ऐसा करूंगी।”

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