आठ महीने पहले इस्तीफा दे चुके पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी कन्नन गोपीनाथन को सरकार ने कोविड-19 महामारी के कारण बने हालात को देखते हुए तत्काल ड्यूटी पर आने का निर्देश दिया लेकिन अधिकारी ने कहा कि वह काम पर नहीं लौटेंगे। बता दें कि, कन्नन गोपीनाथन ने कश्मीर मुद्दे पर इस्तीफा दे दिया था।

सरकार का तर्क है कि अधिकारी का इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है इसीलिए उन्हें ड्यूटी पर लौटने को कहा गया है। गोपीनाथ का कहना है कि ऐसा करके सरकार उन्हें प्रताड़ित कर रही है। उनका कहना है कि कोविड-19 के कारण पैदा हुए संकट के दौरान वे लोगों को अपनी सेवाएं देने को तैयार हैं लेकिन एक आईएएस अधिकारी के रूप में नहीं।
सरकार की तरफ से जारी पत्र की कॉपी अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए पूर्व आईएएस ने लिखा, “आईएएस के रूप में दोबारा ड्यूटी जॉइन के लिए सरकार की तरफ से लेटर भेजा गया है। मैं कोविड -19 महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में तन, धन और मन में अपनी सभी सेवाओं का विस्तार करता हूं लेकिन यह एक स्वतंत्र और जिम्मेदार नागरिक के रूप में होगा, आईएएस अधिकारी के रूप में नहीं।”
उन्होंने आगे लिखा, “मेरा सरकार को जवाब है, मुझे इस्तीफा दिए हुए लगभग 8 महीने हो चुके हैं। सरकार केवल उत्पीड़न करना जानती है। लोगों का और अधिकारियों का। मैं जानता हूं कि वे मुझे आगे भी प्रताड़ित करना चाहते हैं लेकिन फिर भी मैं सरकार को इस कठिन समय में एक स्वयंसेवी के रूप में मदद दूंगा लेकिन आईएएस अधिकारी के रूप में दोबारा जॉइन नहीं करूंगा।”
Received a letter from the govt, asking me to re-join duties as IAS. While I extend all my services, in health, wealth and mind to the govt in this fight against covid-19 pandemic, it will be as a free & responsible citizen and not anymore as an IAS officer. 1/n pic.twitter.com/qlW0pBq1Ue
— Kannan Gopinathan (@naukarshah) April 9, 2020
बता दें कि, पिछले वर्ष अगस्त में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर में पाबंदियां लगाने और राज्य को विभाजित कर दो केंद्र शासित प्रदेश बनाने के विरोध में 33 वर्षीय कन्नन ने इस्तीफा दिया था। वह दमन और दीव में पदस्थ थे। वह 2012 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। कन्नन के इस्तीफा देने के एक हफ्ते भी बाद सरकार ने उन्हें ड्यूटी पर लौटने का निर्देश दिया था।