उत्तराखंड के मसूरी से भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के विधायक गणेश जोशी को ‘शक्तिमान’ घोड़े की मौत के मामले में बड़ी राहत मिली है। दरअसल, राज्य की बीजेपी की सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पुलिस के घोड़े ‘शक्तिमान’ के साथ कथित रुप से क्रूरतापूर्ण व्यवहार के मामले में पार्टी विधायक गणेश जोशी के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस ले लिया है।

बता दें कि पिछले साल मार्च में बीजेपी द्वारा तत्कालीन हरीश रावत सरकार के खिलाफ एक प्रदर्शन के दौरान हुई यह घटना राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी चर्चित हुई थी। घटना में घायल ‘शक्तिमान’ की बाद में मौत हो गई थी। जिसके बाद ऐसा उदाहरण पहली बार देखा गया जब किसी बेजुबान को लेकर देश की दो बड़ी राष्ट्रीय पार्टियां सियासत के मैदान में आमने-सामने खड़ी हुई हों।
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, जोशी के खिलाफ दर्ज मुकदमे को पिछली सरकार द्वारा राजनीतिक विद्वेष से की गई कार्रवाई बताते हुए कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में पार्टी कार्यकर्ताओं के विरुद्ध राजनीतिक कारणों से दर्ज सभी मामलों को वापस लिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि शक्तिमान प्रकरण में जोशी के खिलाफ दर्ज मामला हमने वापस ले लिया है, क्योंकि यह इसी श्रेणी (राजनीति से प्रेरित) में आता है। सामाजिक मुद्दों को उठाने के लिए हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज सभी गलत मामलों को वापस लिया जा रहा है।
शक्तिमान मामले में जोशी और उनके समर्थकों के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम तथा भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में जोशी को जेल भी जाना पड़ा था। हालांकि, बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।
बता दें कि पिछले साल 14 मार्च को राज्य विधानसभा के निकट हुए बीजेपी के प्रदर्शन के दौरान शक्तिमान के पिछले पैर में गंभीर चोटें आई थीं। पैर काटे जाने के बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। हालांकि, उस दौरान विधायक गणेश जोशी का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था, जिसमें वह शक्तिमान को लाठी मारते हुए नजर आ रहे थे।