सुप्रीम कोर्ट में बुधवार (16 मई) को हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद आखिरकार कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक दल के नेता बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। येद्दियुरप्पा ने गुरुवार (17 मई) सुबह 9 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अब येद्दयुरप्पा के समक्ष सदन में बहुमत साबित करने की चुनौती होगी। अगले 15 दिनों में उन्हें विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। इसलिए यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अभी कर्नाटक में सियासी ड्रामा समाप्त नहीं हुआ है।

शपथग्रहण से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर बीजेपी पर करारा हमला बोला। कर्नाटक में सियासी उठापटक और सुप्रीम कोर्ट न्यायालय में देर रात चली सुनवाई के बाद बीएस येद्दियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘संविधान का मजाक’ बनाने के लिए बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने ने कहा कि एक तरफ बीजेपी ‘खोखली जीत’ का जश्न मनाएगी, दूसरी तरफ भारत ‘लोकतंत्र की हार’ का शोक मनाएगा।
राहुल ने ट्वीट किया, ‘कर्नाटक में जरूरी आंकड़ा नहीं होने के बावजूद सरकार के गठन का भाजपा अतार्किक जिद संविधान का मजाक बनाना है।’ उन्होंने कहा, ‘एक तरफ भाजपा खोखली जीत का जश्न मनाएगी, वहीं दूसरी ओर भारत लोकतंत्र की हार का शोक मनाएगा।’
The BJP’s irrational insistence that it will form a Govt. in Karnataka, even though it clearly doesn’t have the numbers, is to make a mockery of our Constitution.
This morning, while the BJP celebrates its hollow victory, India will mourn the defeat of democracy.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 17, 2018
पार्टी महासचिव अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार में सभी बड़ी संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया गया है और भाजपा सत्ता हथियाने के लिए ‘लोकतंत्र की हत्या’ कर रही है। गौरतलब है कि बुधवार (16 मई) देर रात सुप्रीम कोर्ट ने येद्दियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। राज्यपाल वजुभाई वाला ने बुधवार को येद्दियुरप्पा को सरकार बनाने का न्यौता दिया था। इसके बाद रात में ही कांग्रेस ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने राज्यपाल पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ‘उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के दखल से संविधान का ‘एनकाउंटर’ किया है।’ गौरतलब है कि राज्य में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। ऐसे में प्रदेश की 224 सदस्यीय विधानसभा में 222 सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस+ को 38 सीटें मिली हैं। फिलहाल, बहुमत के लिए जादुई आंकड़ा 112 है।
अमित शाह का राहुल गांधी को जवाब
राहुल गांधी के हमले के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पलटवार किया है। अमित शाह ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या तो उसी पल हो गई जब कांग्रेस ने जेडीएस के साथ मौकापरस्ती का गठबंधन किया। अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि, कांग्रेस अध्यक्ष को जाहिर तौर पर अपनी पार्टी का ‘गौरवशाली’ इतिहास याद नहीं होगा। भयावह आपातकाल, अनुच्छेद 356 का जबरदस्त तरीके से गलत इस्तेमाल, कोर्ट, मीडिया और सिविल सोसायटी को नीचा दिखाना राहुल गांधी की पार्टी की विरासत है।
President of the Congress obviously doesn’t remember the glorious history of his party.
The legacy of Mr. Rahul Gandhi’s Party is the horrific Emergency, blatant misuse of Article 356, subverting the courts, media and civil society.
— Amit Shah (@AmitShah) May 17, 2018
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि कर्नाटक में किसके पास जनता का साथ है? बीजेपी, जिसे 104 सीटें मिली हैं या कांग्रेस जिसको 78 सीटें मिली हैं और उसके सीएम-मंत्री खुद बड़े अंतर से हारे हैं। जेडीएस को 37 सीटें मिली हैं और कई जगह जमानत जब्त हो गई है। जनता सब जानती है। अमित शाह ने लिखा कि, ‘लोकतंत्र की हत्या’ तो उसी समय हो गई जब उतावली कांग्रेस ने जेडीएस को अवसरवादी ऑफर दिया, कर्नाटक के विकास के लिए नहीं बल्कि अपने घटिया राजनीतिक फायदे के लिए। शर्मनाक।
The ‘Murder of Democracy’ happens the minute a desperate Congress made an ‘opportunist’ offer to the JD(S), not for Karnataka’s welfare but for their petty political gains. Shameful!
— Amit Shah (@AmitShah) May 17, 2018
सुप्रीम कोर्ट में रातभर चली हाई वोल्टेज कानूनी लड़ाई के बाद येद्दियुरप्पा ने ली शपथ
बता दें कि सरकार बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में रातभर चली हाई वोल्टेज कानूनी लड़ाई के बाद येद्दियुरप्पा दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। लिंगायत समुदाय में खासा प्रभाव रखने वाले 75 वर्षीय येद्दियुरप्पा को राज्यपाल वजुभाई वाला ने राजभवन में एक समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। सुप्रीम कोर्ट ने येद्दियुरप्पा के शपथ लेने पर रोक लगाने से इनकार किये जाने के कुछ घंटों बाद ही बीजेपी नेता ने अकेले शपथ ली।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने बुधवार (16 मई) रातभर चली दुर्लभ सुनवाई के बाद येद्दियुरप्पा के कनार्टक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। बुधवार देर रात दो बजकर 11 मिनट से गुरुवार सुबह पांच बजकर 58 मिनट तक चली सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि राज्य में शपथ ग्रहण और सरकार के गठन की प्रक्रिया न्यायालय के समक्ष इस मामले के अंतिम फैसले का विषय होगा।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ए के सीकरी, न्यायमूर्ति एस के बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की एक विशेष पीठ ने कहा, ‘‘न्यायालय बी एस येद्दियुरप्पा के शपथ ग्रहण समारोह पर रोक लगाने के संबंध में कोई आदेश नहीं दे रहा है। अगर वह शपथ लेते हैं तो यह प्रक्रिया न्यायालय के समक्ष इस मामले के अंतिम फैसले का विषय होगा।’’ पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए शुक्रवार सुबह की तारीख तय की और बीजेपी द्वारा कर्नाटक के राज्यपाल को दिये गए विधायकों के समर्थन वाला पत्र पेश करने का आदेश दिया है।
विधानसभा में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन शुरू
इस बीच कांग्रेस नेताओं ने बी एस येद्दियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के खिलाफ राज्य सचिवालय, विधानसभा के समक्ष महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के अलावा गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के कर्नाटक के प्रभारी महासचिव के सी वेणुगोपाल समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने प्रतिमा के सामने बैठकर विरोध जताया। शहर के बाहरी इलाके में एक रिजॉर्ट में रह रहे नव निर्वाचित कांग्रेस विधायकों ने भी इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
इसके साथ ही कांग्रेस नेताओं के धरना प्रदर्शन में पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस नेता एचडी देवगौड़ा भी शामिल हो गए हैं। इस प्रदर्शन में देवगौड़ा के साथ-साथ जनता दल (एस) के विधायक और नेता भी शामिल हैं। इसके अलावा सबसे खास बात यह है कि कांग्रेस नेताओं के अलावा निर्दलीय विधायक नागेश और निर्दलीय विधायक शंकर भी शामिल हुए हैं। इससे पहले कांग्रेस और जेडीएस ने यह ऐलान किया था कि अगर राज्यपाल ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए बुलाया तो वह धरना-प्रदर्शन करेंगे।
Protesting outside #Karnataka Vidhana Soudha against the swearing-in of B.S. Yeddyurappa as CM #KarnatakaElections2018 pic.twitter.com/keRBhn2Ugy
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 17, 2018
पत्रकारों से बातचीत में सिद्धरमैया ने येद्दियुरप्पा को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय देने के राज्यपाल वजुभाई वाला के फैसले को ‘‘अभूतपूर्व’’ बताया। उन्होंने कहा कि अब येद्दियुरप्पा को उन विधायकों की सूची तैयार करनी होगी जिनका समर्थन उन्हें प्राप्त है।
क्या है विधानसभा की स्थिति
बता दें कि 224 सदस्यीय विधानसभा में 222 सीटों पर मतदान हुआ था जिसमें बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37 सीटें मिली थीं। इनके अलावा बहुजन समाज पार्टी, कर्नाटक प्रज्ञावंत जनता पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में 1-1 सीट आई थी। बहुमत के लिए 112 सीटों की जरूरत थी जो कि सबसे बड़े दल बीजेपी के पास नहीं थी। सदन में बीजेपी के पास 104 विधायक हैं जो बहुमत के 112 के आंकड़े से आठ विधायक कम है।
वहीं, जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने भी कांग्रेस के समर्थन पत्र के साथ राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया था। कांग्रेस और जेडीएस के पास कुल मिलाकर 115 सीटें हैं जो बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े से तीन अधिक हैं। बता दें कि 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 112 सीटें जरूरी हैं। कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों में से 222 सीटों के लिए मतदान हुआ था। जयनगर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार के निधन के बाद चुनाव रद्द कर दिया गया जबकि आर आर नगर सीट पर कथित चुनावी कदाचार के चलते मतदान 28 मई के लिए टाल दिया।