ऑडियो क्लिप ऐसे समय सामने आई है जब हुर्रियत नेताओं ने घाटी में आईएसआईएस की विचारधारा के प्रभाव को हाल में कमतर करना चाहा है। इस सप्ताह के शुरू में सैयद अली शाह गिलानी कि मीरवाइज उमर फारुक और यासीन मलिक जैसे हुर्रियत नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा था कि कश्मीर संघर्ष का आईएसआईएस, अलकायदा तथा ऐसे अन्य संगठनों से कोई लेना-देना नहीं है।हाशमी ने कहा कि समूचे नेतृत्व ने पिछले साल जुलाई में हिज्बुल मुजाहिदीन के (आतंकी) बुरहान वानी के मारे जाने के बाद सभी मोर्चों पर एकता प्रदर्शित की एवं ‘आजादी और इस्लाम के लिए’ जारी ‘संघर्ष’ को आगे ले जाने के लिए काम कर रहे हैं। उसने कहा कि ऐसी स्थिति में, भ्रम पैदा करने वाला कोई बयान या कदम संघर्ष के लिए ताबूत में अंतिम कील साबित होगा।
हिजबुल आतंकी बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के हाथों मारे जाने के बाद जाकिर मूसा घाटी में हिजबुल का सरगना बना था। वानी की तरह मूसा भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए करता है। हाल के दिनों में उसने कई ऑडियो और वीडियो सोशल मीडिया पर डाले हैं।