दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हिन्दुस्तान टाइम्स के पत्रकार को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है। जिस पर आरोप है कि उसने केंद्र की भाजपा सरकार के इशारे पर राष्ट्रीय राजधानी में निर्वाचित आम आदमी पार्टी सरकार की जासूसी की है।
केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, “हिंदुस्तान टाइम्स के कार्यकारी संपादक को आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ कार्रवाई करने का इशारा पीएमओ से मिला। क्या शोभना भारतिया (मालिक) अपने संपादक को बर्खास्त करेंगी ? हिंदुस्तान टाइम्स की साख दांव पर है। ”
Executive Editor of HT gets PMO to act against AAP govt in Delhi. Will Shobhna Bhartiya sack her editor? HT's credibility at stake https://t.co/HAxe1LEJtA
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 5, 2017
एक चौंकाने वाले घुलासे में सामने आया है कि हिंदुस्तान टाइम्स के कार्यकारी संपादक शिशिर गुप्ता ने कथित तौर पर केंद्र सरकार के इशारे पर दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर जासूसी करने के लिए एक वाहक के रूप में काम किया था।
फ्रंटलाइन पत्रिका की एक कवर स्टोरी में किए गए खुलासे के मुताबिक गुप्ता ने जिन पर हमेशा भाजपा सरकार का करीब माना जाता रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह , विशेष कार्य अधिकारी पीएमओ(आईटी)हिरेन जोशी को 28 मार्च 2015 को एक ई-मेल भेजा था।
आम आदमी पार्टी की दिल्ली में बीजेपी पर शानदार जीत के मुश्किल से एक महीने बाद गुप्ता ने अपने मेल के सब्जेक्ट में लिखा “केजरीवाल केन्द्र के खिलाफ ” दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में केंद्र सरकार के सभी अधिकार रद्द करने की राह पर हैं। न तो गृह मंत्रालय और न ही भाजपा विधायक / प्रदेश इकाई में लड़ने के लिए कुछ भी कर रही।
“दिल्ली सरकार में चर्चा है कि भाजपा आगामी बिहार चुनाव पर इसके प्रभाव के कारण केजरीवाल के साथ मुद्दों बढ़ाने के लिए कुछ भी नहीं करेगी। ”
गुप्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनकी सरकार द्वारा उठाए गए नौ विशेष फैसलों की लिस्ट बनाई और उस पर लिखा ” केजरीवाल द्वारा उल्लंघन के उदाहरण “
उल्लंघन के उदाहरण का हवाला देते हुए गुप्ता ने लिखा कि कैसे केजरीवाल सरकार अब सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि मुख्यमंत्री कार्यालय के माध्यम से फाइले भेजने की योजना बना रही है। पहले उन्होंने एलजी के कार्यालय को फाइले भेजी और इस मुद्दे पर लडाई सार्वजनिक हुई।
दिलचस्प बात ये है, एलजी नजीब जंग ने बाद में केजरीवाल से कहा कि वरिष्ठ नौकरशाहों से फाइल उन्हे सीधी भेजी जाएगी।
गुप्ता के ईमेल में शाह या जोशी से प्रतिक्रिया प्राप्त करने का प्रयास नही दिखता बल्कि केजरीवाल सरकार की योजना पर अपडेट रखने और देने पर ज्यादा दिखाई पड़ता है।
एक और इत्तेफाक में बस कुछ ही दिन बाद, हिंदुस्तान टाइम्स के 1 अप्रैल नई दिल्ली संस्करण पर गुप्ता की बाइलाइन स्टोरी लगी।
गुप्ता की रिपोर्ट के शीर्षक में सुझाव दिया गया केजरीवाल अपने अधिकार क्षेत्र से ज्यादा टकराव की राह पर अधिक बढ़ रहे थे। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल एलजी जंग को परेशान कर रहे हैं ”
गुप्ता ने आगे लिखा है, “दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग टकराव की राह पर हैं। आम आदमी पार्टी के नेताआों को निर्देश है कि पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि के आरक्षित विषयों से संबंधित सभी फाइलों को उनके माध्यम भेजी जाएं।”
गुप्ता ने इन आरोपों से इनकार किया है और कहा कि ई-मेल एक खबर लिखने के लिए और पीएमओ, भाजपा पार्टी अध्यक्ष की प्रतिक्रिया और “निष्कर्ष” की तलाश के लिए भेजा गया था।
गुप्ता के इनकार को एक तरफ रखते हुए, ऐसा लगता है कि पीएमओ ने उस ई- मेल को काफी गंभीरता से लिया और कथित तौर पर कार्रवाई का आदेश भी दिया।
31 मार्च को प्रधानमंत्री कार्यालय के शीर्ष अधिकारी नृपेंद्र मिश्रा ने कथित तौर पर गृह मंत्रालय में अपर सचिव (सीएस) अनंत कुमार सिंह को अपने कार्यालय में बुलाया और कम से कम पांच दिन में गुप्ता के ईमेल पर एक “तथ्यात्मक रिपोर्ट” की मांग की।
अनंत कुमार सिंह ने लिखा, “आज दोपहर 12.30 बजे मुझे प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव द्वारा बुलाया गया था उन्होंने मुझे दिनांकित 2015/03/28 श्री शिशिर गुप्ता, जिसे फ्लैग ‘ए’ में रखा गया है और कहा है कि ई मेल पर एक तथ्यात्मक रिपोर्ट शुक्रवार से पहले भेज दी जाए। कार्यालय बुधवार के बाद बंद हो रहे हैं। बुधवार शाम उपराज्यपाल (एलजी) से रिपोर्ट तलाशना उचित होगा। जिस कारण रिर्पोट प्रधानमंत्री कार्यालय में समय से पहुंच जाएगी। तदनुसार, एक पत्र में एलजी को संबोधित करते हुए तथ्यात्मक विवरण और मेल के ऊपर लिखे गए उल्लेख पर उनकी राय मांगी।”
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