विमान हाइजैक की झूठी अफवाह फैलाना एक कारोबारी को भारी पड़ गया। संशोधित विमान अपहरण निरोधक कानून के तहत पहली बार किसी को सजा सुनाते हुए एक विशेष एनआईए अदालत ने मंगलवार को अहमदाबाद में मुंबई के एक कारोबारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही कोर्ट उस कारोबारी पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया। सल्ला से वसूले गए इस जुर्माने को प्लेन के क्रू मेंबर्स और यात्रियों में बांटा जाएगा।
कारोबारी ने 30 अक्टूबर 2017 में जेट एयरवेज के एक विमान में अपहरण की धमकी वाला नोट लिखकर छोड़ा था। विशेष एनआईए अदालत के न्यायाधीश के एम दवे ने कहा कि दोषी कारोबारी बिरजू सल्ला द्वारा जमा की जाने वाली जुर्माने की राशि प्रभावित विमान में सवार रहे चालक दल के सदस्यों और यात्रियों के बीच बांटी जाएगी।
सल्ला पर 30 अक्टूबर को विमान के शौचालय के टिशू पेपर बॉक्स में अंग्रेजी और उर्दू में धमकी भरा नोट लिखकर विमान अपहरण की अफवाह फैलाने का आरोप है। घटना के बाद, सल्ला ‘राष्ट्रीय उड़ान निषेध सूची’ में डाला जाने वाला पहला व्यक्ति बना था और उस पर कड़े विमान अपहरण निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था।
Jet Airways Aircraft Hijacking Case of October 30, 2017: NIA Special Court, Ahmedabad, has sentenced accused Birju Kishor Salla to life imprisonment along with fine of Rs 5 Crore for violation of different provisions of Anti-Hijacking Act 2016.
— ANI (@ANI) June 11, 2019
एनआईए ने पिछले साल जनवरी में उसके खिलाफ विमान अपहरण रोधी कानून की धाराओं 3 (1), 3 (2)(ए) और 4 (बी) के तहत आरोप पत्र दायर किया था। उसे अक्टूबर 2017 में विमान की अहमदाबाद हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग के बाद गिरफ्तार किया गया था।
एंटी हाइजैकिंग एक्ट, 2016 के तहत बिरजू सल्ला को यह सजा सुनाई गई। एंटी-हाइजैकिंग एक्ट के तहत इतनी कड़ी सजा पाने वाले सल्ला पहले शख्स हैं। इसके अलावा वह पहले व्यक्ति हैं, जिन्हें नो-फ्लाई लिस्ट में शामिल किया गया। यही नहीं मामले की सुनवाई के दौरान डेढ़ साल तक कैद में रहने पर उन्होंने 10 बार जमानत के लिए अप्लाई किया, लेकिन हर बार उनकी अर्जी खारिज कर दी गई।