‘पद्मावती’ से ‘पद्मावत’ बनी संजय लीला भंसाली की फिल्म का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजस्थान के बाद अब पद्मावत (पहले पद्मावती) को हरियाणा सरकार ने भी राज्य में प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया है। हरियाणा सरकार ने मंगलवार (16 जनवरी) को फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया। दरअसल, फिल्म ‘पद्मावत’ से आई हटाकर भले ही सेंसर बोर्ड ने मंजूरी मिल दे दी हो, लेकिन राज्य सरकारें अभी भी फिल्म को अपने राज्य में रिलीज करने से कतरा रही हैं। यही वजह है कि राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के बाद अब हरियाणा में भी यह फिल्म बैन कर दी गई है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने खुद ट्वीट कर यह जानकारी दी।
Film Padmavati/Padmavat banned in Haryana
— ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) January 16, 2018
वहीं विज ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, “मुख्यमंत्री (मनोहर लाल खट्टर) ने पहले कहा था कि फिल्म (पद्मावत) सेंसर बोर्ड से पास होने के बाद हम इस पर फैसला करेंगे। लेकिन बैठक में मैंने कहा कि कानून-व्यवस्था के हालात को देखते हुए हरियाणा में इस फिल्म को बैन किया जाना चाहिए। कैबिनेट ने मेरे प्रस्ताव का समर्थन करते हुए हरियाणा में पद्मावत को बैन करने का फैसला किया।”
बता दें कि पिछले दिनों राजस्थान के बाद फिल्म पद्मावत को गुजरात सरकार ने राज्य में प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया है। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी फिल्म को राज्य में रिलीज नहीं होने देने के संकेत दिए हैं। जबकि गुजरात के मुख्यमंत्री रूपाणी ने कहा था कि सरकार ने नवंबर माह में तब पद्मावती नाम वाली इस फिल्म को सामाजिक सद्भाव बनाये रखने के लिए गुजरात में प्रदर्शित नहीं करने की अनुमति दी थी।
उन्होंने कहा था कि इसके प्रदर्शन पर प्रतिबंध का यह आदेश आगे भी जारी रहेगा। वहीं ‘पद्मावत’ पर मध्य प्रदेश में प्रतिबंध के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि, ‘‘जो कहा था, वो होगा।’’ हालांकि उन्होंने इस विवादास्पद फिल्म पर मध्य प्रदेश सरकार के रुख के बारे में अधिक स्पष्टीकरण नहीं दिया।
गौरतलब है कि 20 नवंबर को मुख्यमंत्री ने कहा था कि, ‘‘इतिहास पर जब फिल्में बनायी जाती हैं तो ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कोई बर्दाश्त नहीं करेगा। पूरा देश एक स्वर में कह रहा है कि फिल्म में ऐतिहासिक मूल्यों से खिलवाड़ किया गया है, इसलिये मैं पूरे जोश और होश में यह कह रहा हूं कि ऐतिहासिक तथ्यों से खिलवाड़ कर अगर रानी पद्मावती के सम्मान के खिलाफ फिल्म में दृश्य रखे गये तो उसका प्रदर्शन मध्यप्रदेश की धरती पर नहीं होगा।’’
Rifat Jawaid on the revolt by Supreme Court judges
Posted by Janta Ka Reporter on Friday, 12 January 2018
इसके बाद, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने राज्य में ‘पद्मावती’ फिल्म को रिलीज नहीं होने देने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि राज्य के लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इस फिल्म को राजस्थान में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा। मालूम हो कि नाम बदलने और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के विवादास्पद घूमर नृत्य में बदलाव समेत कुछ अन्य परिवर्तनों के बाद सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को प्रदर्शन की अनुमति दी है।
इसे देश भर में 25 जनवरी 2018 को प्रदर्शित किया जाना है। सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी और राजपूत रानी पद्मावती की ऐतिहासिक कथा पर आधारित इस फिल्म का राजपूत करणी सेना समेत कई संगठन विरोध कर रहे हैं। करणी सेना ने तो इसे प्रदर्शित करने पर सिनेमा घरों पर हिंसक प्रदर्शन की चेतावनी दे रखी है।
हालांकि फिल्म ‘पद्मावत’ के निर्माताओं ने अखबारों के मुख्य पृष्ठ पर सोमवार (15 जनवरी) को एक विज्ञापन देकर स्पष्ट किया है कि फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के बीच कोई दृश्य नहीं है। इसके साथ ही दावा किया गया है कि यह एक ऐसी फिल्म है, जिस पर प्रत्येक भारतीय गर्व करेगा।