हाल ही में दादरी के बिसाहड़ा गांव के हादसे की वारदात को ‘गलत’ और ‘ग़लतफहमी का नतीजा’ बताते हुए हरियाणा के मुख्या मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, “मुस्लिम इस देश में रह सकते हैं, लेकिन उन्हें बीफ खाना छोड़ना होगा, क्योंकि गाय यहां विश्वास और आस्था से जुड़ी है।’
खट्टर हरियाणा के सीएम के तौर पर अपना एक साल पूरा करने जा रहे है। खट्टर ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत की बहुसंख्या आबादी के लिए गाय, गीता और सरस्वती आस्था से जुड़ी है और मुसलमान बीफ खाना छोड़ कर अपने धार्मिक विश्वास को नहीं तोड़ेंगे।
दादरी घटना से जुड़े सवाल पूछने पर खट्टर ने कहा, “मुस्लिम रहें, मगर इस देश में बीफ खाना छोड़ना ही होगा उनको। यहां की मान्यता है गौ।”
हरियाणा की राजनीति में पिछले साल राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में जब बीजेपी की जीत हुई थी तब तक 61 साल के खट्टर को ज्यादा लोग जानते भी नहीं थे, लेकिन संघ के संगठन स्तर पर काफी ऊंचा कद रखने वाले खट्टर का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ लगभग 4 दशक पुराना रिश्ता है। अखबार के मुताबिक, हरियाणा में गौ हत्या पर प्रतिबंध के लिए विधानसभा द्वारा अपनाए गोवंश संरक्षण और गौसंवर्धन संबंधी कानून को सीएम खट्टर अपने एक साल के इस कार्यकाल की उपलब्धि मानते हैं। गोहत्या से जुड़े इस कानून का उल्लंघन करने के दोषी को 10 साल जेल की सजा का प्रावधान किया गया है। वहीं बीफ खाने के दोषी को पांच साल जेल की सजा का प्रावधान है।
इंटरव्यू में सीएम मनोहर लाल खट्टर ने दादरी की घटना को ‘गलतफहमी का नतीजा’ बताते हुए बताया कि ‘दोनों पक्षों’ ने गलती की। आगे खट्टर ने कहा कि, “इस घटना को नहीं होना चाहिए था। दोनों की तरफ से नहीं होना चाहिए था।” खट्टर ने दावा किया कि मारे गए मुहम्मद अखलाक ने “गाय से जुड़ी एक हल्की टिप्पणी की, जिससे लोगों की भावनाएं आहत हुईं और इसके नतीजे के तौर पर उन्होंने अखलाक पर हमला कर दिया।”
खट्टर ने कहा, “लेकिन मैं कहता हूं कि किसी पर हमला करना और किसी इंसान को मारना गलत है।” अपने शब्दों को पूरा करते हुए खट्टर ने कहा कि जिन्हें भी इस घटना में दोषी पाया जाए, उन्हें कानून की संबंधित धाराओं के तहत सजा दी जानी चाहिए।
सीएम खट्टर ने इस घटना की तुलना ऐसी स्थिति से की, जिसमें किसी व्यक्ति की मां को मार दिया जाए या फिर बहन का उत्पीड़न किया जाए तो उसे अपराधी पर गुस्सा आएगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति कानून के तहत कुछ गलत कर भी रहा है, जिसके लिए उसे सजा मिलनी चाहिए, लेकिन ‘हमें वारदात के पीछे जाना होगा और उसकी मान्यता की जांच करनी होगी। हमें समझना होगा कि उसने जो किया वह क्यों किया।