अंदरुनी कलह से जूझ रही समाजवादी पार्टी में कलह कम होना का नाम नहीं ले रही है। समाजवादी पार्टी से अखिलेश का पहले निष्कासन और 24 घंटे बाद वापसी फिर अखिलेश का सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित तो राज्यसभा सांसद अमर सिंह को बाहर का रास्ता दिखाना।
अब ये सिसायी दंगल चुनाव आयोग की दहलीज पर पहुंच चुका है। जहां दांव पर है समाजवादी पार्टी की साइकिल यानी पार्टी का चुनाव चिह्न। अखिलेश और मुलायम गुट दोनों ही साईकिल पर दावेदारी कर रहे हैं।
चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर दोनो गुटो से अपना बहुमत दिखाने को कहा है। अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव गुट को आयोग की तरफ से कहा गया है कि दोनों गुट अपने-अपने समर्थन में सभी सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों का हस्ताक्षर युक्त शपथ पत्र 9 जनवरी तक आयोग को सौंप दें, ताकि आयोग जल्द ही इस पर कोई फैसला ले सके। हालांकि, समाजवादी पार्टी को दोनों धड़ों में सुलह की कोशिश अभी भी जारी है।
EC asks Akhilesh Yadav&Mulayam Singh Yadav to reply by 9 Jan on each other's petitions filed before it claiming party&poll symbol:EC sources
— ANI UP (@ANINewsUP) January 5, 2017
उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों काऐलान हो चुका है। इसलिए आयोग इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाना चाहता है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को विधान सभा, विधान परिषद और लोकसभा, राज्य सभा के अधिकांश निर्वाचित सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। करीब 100 पन्नों के इस कागजात में 5000 से ज्यादा पार्टी प्रतिनिधियों और 90 फीसदी सांसदों, विधायकों और विधान पार्षदों के हस्ताक्षर शामिल हैं।