पाकिस्तान सरकार ने सोमवार को कहा कि गलती से सीमा पार कर जाने के कारण 14 साल बाद भारत लौटी गीता का पाकिस्तान में अच्छी तरह ध्यान रखा गया।
गीता साल 2003 में गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गई थी। उस समय उसकी उम्र लगभग 11 वर्ष थी। अब वह 23 साल की है और सुन और बोल नहीं सकती।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में रहने के दौरान, गीता का ध्यान विश्व प्रसिद्ध परोपकारी अब्दुल सत्तार ईधी और उनके परिवार ने रखा।”
गीता की भलाई की कामना करते हुए मंत्रालय ने कहा, “भारतीय नागरिक गीता आज (सोमवार) को कराची से नई दिल्ली के लिए निकली। पाकिस्तान की सरकार ने उसकी वापसी के लिए मदद की थी।”
पाकिस्तान एयरलाइंस की उड़ान संख्या 272 से जब गीता सोमवार को इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरी तो यहां उसकी अगवानी के लिए भारत और पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी मौजूद थे।
लाहौर में पाकिस्तान रेंजर्स ने गीता को देखा था और उन्होंने उसे ईधी फाउंडेशन को सौंप दिया था, जिसने अब तक उसकी देखभाल की। इस फाउंडेशन के संचालक बिल्क़ीस ईधी ने उसका नाम गीता रखा था।