एक झुग्गी वाले के नाम हांगकांग से तकरीबन 20 करोड़ का सामान आया है जिसमें एप्पल कंपनी के आईफोन और रोलेक्स की घड़िया शामिल हैं।
लेकिन मज़ेदार बात ये है कि झु्गी वासी खुद इस बात से हैरान है कि उसे किसने ये सामान भेजा है और क्यों जब कस्टम विभाग ने पूछताछ की तो पता चला कि झुग्गी वासी इस व्यक्ति को पता ही नहीं कि वह किसी कंपनी का मालिक है!

कस्टम विभाग हैरान रह गया जब हांगकांग से दादरी के कंटेनर डिपो पर उतरे दो कंटेनर की तलाशी हुई तो उसमें से एक में करीब तीन सौ एप्पल के आई फोन समेत कई नामी कंपनियों के मंहगे ढाई हजार फोन रखे थे।
दूसरे कंटेनर में दो हजार रोलेक्स समेत लाखों की महंगी घड़ियां रखी हुई थीं। इन दोनों कंटेनर में रखे हर सामान की कागजों में कीमत एक डॉलर यानि करीब सत्तर रुपए रखी गई थी।
एनडीटीवी की खबर के अनुसार, इसी के हिसाब से कस्टम ड्यूटी चुकाई गई थी। जब कस्टम ने पकड़े गए सामान की कीमत का आकलन करवाया तो पता चला कि इसकी बाजार में कीमत करीब बीस करोड़ रुपए के आसपास है. यह दोनों कंटेनर दिल्ली के विकासपुरी के पते पर विधाता ओवरसीज नाम की कंपनी के नाम से आए थे।
कस्टम विभाग की एक टीम ने जब विधाता ओवरसीज कंपनी के पते और इसके प्रोप्रायटर और डायरेक्टर को खोजना शुरू किया तो पता चला कि इसका प्रोप्रायटर केशव कुमार नाम का एक व्यक्ति है।
कस्टम विभाग की टीम इसके पते पर पहुंची तो पता चला कि केशव कुमार दसवीं पास एक व्यक्ति है जो विकासपुरी की झुग्गियों में अपने परिवार समेत रहता है। उसे खुद पता नहीं है कि वह विधाता ओवरसीज कंपनी का प्रोप्रायटर है. अब कस्टम विभाग इस बात का पता कर रही है कि आखिर बीस करोड़ की मंहगी घड़ी और मोबाइल मंगवाने वाले कौन लोग हैं और वे कब से कस्टम ड्यूटी चुरा रहे हैं।