अमेरिका के पूर्व वित्तमंत्री लॉरेंस एच. समर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के कदम को गलत बताते हुए इस पर संदेह जताया है, उन्होंने महसूस किया है कि इससे लोगों का सरकार में भरोसा उठ गया है। यहीं नहीं यह उपाय भ्रष्टाचार रोकने में भी सक्षम नहीं है।
हार्वड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र की शोध छात्रा नताशा सरिन के साथ एक ब्लॉग में उन्होंने यह लिखा है। इसमें लिखा है कि इस कदम ने अराजकता की स्थिति पैदा कर दी है और यह मुक्त समाज की भावना के खिलाफ है।
यह कदम किसी निर्दोष व्यक्ति को सजा देने, तथा कई अपराधियों को मुक्त कर देने का पक्ष लेता है।
ब्लॉग में 1000 और 500 रुपये के नोट बंद करने की नाटकीय कार्रवाई पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा गया है कि यह दशकों में दुनिया में कहीं भी मुद्रा नीति में हुआ सबसे व्यापक बदलाव है।
इसमें कहा गया है कि ऐसा होने वाला है कि जिन लोगों ने नोट अभी रखे हैं, उनका कोई मोल नहीं रह जाएगा. इसकी वजह से भारत में खलबली और अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो गई है।
छोटे और मध्यम वर्ग के व्यापारी जो अपना अधिकतर व्यवसाय नकदी से ही करते हैं, उनकी दुकानें वीरान नजर आ रही हैं। आम भारतीयों का पिछला हफ्ता पुराने नोट बदले जाने की उम्मीद में बैंकों के सामने ही खड़े गुजरा।