केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) की सुरक्षा हटा दी है, उन्हें अब सिर्फ जेड प्लस सुरक्षा ही दी जाएगी। गृह मंत्रालय की ओर से यह कदम उठाया गया है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे सिंह को ‘जेड प्लस’ सुरक्षा मिलती रहेगी। एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का फैसला विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों द्वारा समीक्षा किए जाने के बाद लिया गया है।
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘वर्तमान सुरक्षा कवर समीक्षा खतरे की आशंका पर आधारित एक आवधिक और पेशेवर अभ्यास है जो विशुद्ध रूप से सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पेशेवर मूल्यांकन किए जाने पर आधारित है। डॉक्टर मनमोहन सिंह को ‘जेड प्लस’ सुरक्षा मिलती रहेगी।’’ ‘जेड प्लस’ सुरक्षा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) द्वारा दी जाने वाली उच्चतम सुरक्षाओं में से एक है।
विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) द्वारा प्रदान की गई सुरक्षा वापस लेने का निर्णय कैबिनेट सचिवालय और गृह मंत्रालय की विभिन्न खुफिया एजेंसियों से मिली सूचनाओं के आधार सहित तीन महीने तक समीक्षा किए जाने के बाद लिया गया। विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) संरक्षण देश में दिया जाने वाला सर्वोच्च सुरक्षा कवच है।
Ministry of Home Affairs (MHA): The current security cover review is a periodical and professional exercise based on threat perception that is purely based on professional assessment by security agencies. Dr. Manmohan Singh continues to have a Z+ security cover. pic.twitter.com/qYxxg2abI3
— ANI (@ANI) August 26, 2019
इसी तरह पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और वीपी सिंह का सुरक्षा कवर हटाया गया था। बता दें कि, इससे पहले करीब तीन साल पहले मनमोहन सिंह की दोनों बेटियों से भी एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गई थी।
एसपीजी सुरक्षा अब देश में सिर्फ 4 लोगों के ही पास है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ यह सुरक्षा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को मिल रही है। आम तौर पर खतरे की आशंका या सुरक्षा स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री के परिवार को भी एसपीजी सुरक्षा देने का प्रावधान है।
गौरतलब है कि, इंदिरा गांधी की उनके सुरक्षा गार्डों द्वारा हत्या करने के बाद प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए साल 1985 में एसपीजी की स्थापना की गई थी। साल 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद एसपीजी एक्ट में संशोधन किया गया और इसमें पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को अगले 10 साल तक एसपीजी सुरक्षा देने का प्रावधान किया गया।