मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर में विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ने सरकार को अपना पदक लौटा दिया है। पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अजीत वर्मा ने यह अवॉर्ड सोमवार (21 दिसंबर) को लखनऊ से प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को कूरियर कर दिया हैं। अजीत वर्मा ने 2001 में एशियन क्रांस क्रंटी दौड़ (8 किलोमीटर) में देश के लिए सिल्वर मेडल जीता था।
अजीत वर्मा का कहना है कि, उन्होंने यह रजत पदक भारतीय खेल प्राधिकरण लखनऊ के कार्यकारी निदेशक संजय सारस्वत से मिल कर उनके माध्यम से प्रधानमंत्री को वापस करना चाहता था। इसके लिए सोमवार को वह उनसे मिलने के लिए उनके कार्यालय भी गए पर उन्होंने पदक लेने से साफ इंकार कर दिया। अजीत के मुताबिक, अधिकारी ने कहा कि अगर उनको यह अवॉर्ड वापस करना है तो वह सीधा केन्द्र सरकार को वापस करें हम यह नहीं ले सकते हैं।
जिसके बाद उन्होंने कूरियर के जरिए यह पदक वापस करने का फैसला किया। अजीत वर्मा ने सोमवार को लखनऊ से प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को अपना अवॉर्ड कूरियर कर दिया। पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ने किसानों के मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ कड़ी नाराजगी जाहिर की।
गौरतलब है कि, देश भर में विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों के प्रदर्शन को लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। खेल जगत से लेकर, साहित्य और राजनीति के दिग्गज भी खुलकर किसानों का समर्थन कर रहे हैं। हॉकी टीम के पूर्व कप्तान परगट सिंह सहित दो दर्जन से अधिक खिलाड़ी अपना सम्मान लौटा चुके हैं।
गौरतलब है कि, मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन को लगभग हर तरफ से समर्थन मिल रहा है। विरोध कर रहे किसानों के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार विपक्ष के साथ-साथ अपनी सहयोगी पार्टियों के भी निशाने पर आ गई है। कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अंदरूनी इलाकों से आए हजारों किसान देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से डटे हुए हैं। किसानों की मांग है कि, सरकार इन कृषि कानूनों को वापस लें।