कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है क्योंकि उन्होंने अपने एक ट़्वीट में दावा किया है कि उन्नाव के बबुरहा में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई दलित लड़कियों की मौत दुष्कर्म का मामला है और पुलिस इनके परिवार के खिलाफ जाकर बच्चियों के शव को जला दिया है।
इधर पुलिस ने कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्चियों के साथ दुष्कर्म होने की कोई पुष्टि नहीं हुई थी और न ही परिवार ने इस घटना में बल प्रयोग का कोई आरोप लगाया था। उन्नाव के पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी ने कहा, डॉ. उदित राज पर सोशल मीडिया पर झूठी और मनगढ़ंत जानकारी साझा करने का आरोप है। कुलकर्णी ने कहा कि उदित राज के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत दंगा भड़काने और उकसाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
उदित राज ने अपने ट्वीट में लिखा था, मैंने अभी-अभी पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले जी से बात की है। पुलिस ने उन्हें बड़ी ही मुश्किल से उन्नाव में पीड़ित परिवारों से मिलने दिया। पीड़िताओं के परिवारवालों ने लड़कियों के साथ दुष्कर्म होने की बात कही है और यह भी कहा है कि उनकी इच्छा के बगैर उनके शव जलाए गए हैं।
उन्नाव मामले पर यूपी भवन पर प्रतिवाद प्रदर्शन । pic.twitter.com/2LVmzp4QnC
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) February 19, 2021
उन्नाव मामले में उदित राज उन्नाव में पीड़ित परिवार से मिलगे गए थे, लेकिन पुलिस ने लड़कियों के परिजनों से उन्हें मिलने नहीं दिया था। इसके बाद कांग्रेस नेता डॉक्टर उदित राज ने मीडिया को बताया था कि बच्चियों के साथ रेप की घटना भी हो सकती है। योगी सरकार मामले को दबा रही है।
उन्होंने कहा कि जब लड़कियों ने जहर खाया तो फिर उनके हाथ-पैर क्यों बंधे हुए। उन्होंने कहा था कि पुलिस पूरे मामले में लीपापोती कर रही है और असल मुद्दे को छिपा रही है। (इंपुट: आईएएनएस के साथ)