देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 43 दिन से किसानों का कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। किसान गुरुवार को ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे हैं। किसान संगठनो का कहना है कि ये मार्च 26 जनवरी को होने वाले ट्रैक्टर परेड की रिहर्सल है।
दरअसल, मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर किसान अड़े हुए है। हर दिन किसान संगठनो द्वारा आंदोलन को तेज किया जा रहा है। इसी क्रम में ट्रैक्टर मार्च भी एक नया कदम है। इससे पहले ये मार्च बुधवार को निकाला जाने वाला था, लेकिन खराब मौसम के चलते इसे टाल दिया गया था। संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में गाजीपुर बॉर्डर से पलवल तक किसान ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे हैं।
The rally from Tikri and Singhu will meet at one point, an address will be made and then the rallies head back to their respective borders. #TractorMarchDelhi#ट्रैक्टर_मार्च#किसान_आंदोलन #FarmersProtest pic.twitter.com/NRly8HZPR1
— Deepanshu (@Deepanshucr7) January 7, 2021
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया, ये सरकार के खिलाफ किसान भाइयों का गुस्सा है, सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए। ट्रैक्टर मार्च निकाला जा रहा है। ये तो सरकार को सोचना है कि कितनी जल्दी बात खत्म कर सकते हैं। हम तो बस कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
हालांकि, इस मार्च को देखते हुए पुलिस प्रशासन की तरफ से एडवाइजरी भी जारी की गई है। ताकि आम लोगों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो। पुलिस प्रशासन ने कहा, यह ट्रैक्टर यात्रा ईस्टर्न पेरीफेरल रोड पर दुहाई, डासना, बील अकबरपुर, सिरसा होते हुए पलवल तक जाएगी और वहां से वापस आएगी। इस दौरान बील अकबरपुर और सिरसा कट से पलवल की तरफ जाने वाले वाहन 12 बजे दिन से सायं 3 बजे तक पेरीफेरल रोड पर नहीं जा पाएंगे, इनको डाइवर्ट किया जाएगा। इसी प्रकार सिरसा कट और बील अकबरपुर से सोनीपत की तरफ जाने वाले वाहन 2 बजे से 5 बजे तक पेरीफेरल रोड पर नहीं जा पाएंगे, उन्हें डाइवर्ट किया जाएगा।
#TractorMarchDelhi #ट्रैक्टर_मार्च#किसान_आंदोलन #FarmersProtest
In a democracy, the common citizen always has more rights than the elected or nominated or selected citizen because all three of them work for the common citizen ?? pic.twitter.com/51fxDOitqY— ਸੁਖਪ੍ਰੀਤ ਸਿੰਘ ਸ਼ੇਰਗਿਲ (@d1DAXAgCMYl01Xu) January 7, 2021
भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के प्रमुख जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि 3500 से ज्यादा ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों के साथ किसान मार्च में हिस्सा ले रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने कहा कि 26 जनवरी को हरियाणा, पंजाब और उत्तरप्रदेश के विभिन्न हिस्सों से राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले ट्रैक्टरों की प्रस्तावित परेड के पहले यह ‘‘रिहर्सल’’ की तरह है।
#TractorMarchDelhi #ट्रैक्टर_मार्च#किसान_आंदोलन #FarmersProtest
In a democracy, the common citizen always has more rights than the elected or nominated or selected citizen because all three of them work for the common citizen pic.twitter.com/0fV8ZLqNOF— Manish Kumar (@ManishKumarttp) January 7, 2021
संयुक्त किसान मोर्चा के एक वरिष्ठ सदस्य अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा, ‘‘आगामी दिनों में हम तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन तेज करेंगे। आज के मार्च में हरियाणा से करीब 2500 ट्रैक्टर आए हैं।’’ उन्होंने, ‘‘हम आगाह करना चाहते हैं कि अगर सरकार हमारी मांगें स्वीकार नहीं करेगी तो किसानों का प्रदर्शन आगे और तेज होगा।’’ सिंघु से टिकरी बॉर्डर, टिकरी से कुंडली, गाजीपुर से पलवल और रेवासन से पलवल की तरफ ट्रैक्टर रैलियां निकाली गई है।
गौरतलब है कि, भीषण ठंड, बारिश के बावजूद पंजाब, हरियाणा और देश के कुछ अन्य भागों के हजारों किसान पिछले 40 दिनों से ज्यादा समय से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसान कृषि कानूनों को निरस्त करने, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने तथा दो अन्य मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह ने कहा कि आज का ट्रैक्टर मार्च गणतंत्र दिवस का ट्रैलर परेड का ट्रैलर होगा।
संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्रैक्टर मार्च का एलान पहले ही किया था जिसमें सरकार के साथ चार जनवरी की वार्ता विफल होने की सूरत में छह जनवरी को मार्च निकालने का एलान किया गया था। मगर, मौसम खराब होने के पूवार्नुमान हो देखते हुए इसे एक दिन बढ़ाकर सात जनवरी कर दिया। आंदोलन तेज करने के मकसद से सयुंक्त किसान मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे किसान संगठनों के नेता बुधवार को दिनभर ट्रैक्टर मार्च की तैयारी में जुटे रहे।
केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग को लेकर किसान 26 नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।
इस मसले के समाधान के किसान सरकार के साथ सातवें दौर की वार्ता सोमवार को बेनतीजा रहने के बाद अब अगले दौर की वार्ता आठ जनवरी को तय की गई है। पंजाब के किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह ने कहा कि सरकार के साथ शुक्रवार को होने वाली वार्ता भी अगर विफल रहती है तो आंदोलन तेज करने को लेकर आगे की रणनीति तय की जाएगी।