केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में सड़कों पर उतरे किसानों का आंदोलन थमता नजर नहीं आ रहा है। किसानों को सरकार ने लिखित प्रस्ताव भेजा था लेकिन किसानों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। किसान नेताओं का साफ कहना है कि पूरे देश में हम आंदोलन को और तेज करेंगे। किसानों ने अपनी मांग दोहराते हुए कहा है कि सरकार नए कृषि कानूनों को रद्द करे।
सरकार द्वारा लिखित में किसानों को दिए गए प्रस्ताव पर किसानों ने बैठक की। बैठक में इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया। प्रस्ताव पर किसानों ने करीब दो घंटे तक चर्चा की। इसके बाद प्रस्ताव को ठुकराने का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही किसानों ने दिल्ली को जोड़ने वाली सभी सड़कों को ब्लॉक करने का ऐलान किया है। किसानों ने कहा कि सरकार के प्रस्ताव में कुछ भी नया नहीं है।
इतना ही नहीं किसानों ने इस प्रस्ताव को ठुकराने के बाद दिल्ली को जोड़ने वाली सभी सड़कों को ब्लॉक करेंगे का भी ऐलान किया। किसानों ने कहा कि इस बातचीज के विफल रहने का जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ केंद्र में बैठी मोदी सरकार है।
गौरतलब है कि, केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा के अंदरूनी इलाकों से आए हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से विरोध प्रदर्शन पर बैठे हैं। वे हरियाणा की सिंघु, टिकरी सीमा और उत्तर प्रदेश की गाजीपुर और चिल्ला सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। किसानों के इस आंदोलन को कई संगठनों और राजनितिक दलों का समर्थन मिल चुका है।