मध्य प्रदेश में किसानों द्वारा जारी आत्महत्याओं के बीच एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जो किसी भी इंसान को भीतर से झकझोर देने के लिए काफी है। यहां एक किसान की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि वह बैलों की जगह अपनी मासूम बेटियों का इस्तेमाल करके खेत जोत रहा है। इससे भी हैरानी की बात यह है कि यह मामला प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधान सभा क्षेत्र का है।न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के गृह जनपद सीहोर मामला प्रदेश के सिहोर बसंतपुर पंगड़ी इलाके का है। इस तस्वीर में साफ तौर से दिखाई दे रहा है कि एक किसान खेत में हल चला रहा है और आगे बैलों की जगह उसकी दो मासूम बच्चियां हल खींच रही हैं।
Don't have enough money to buy oxen, ploughing fields to sow of maize crop. Daughter left studies after 8th standard: Sardar Barela, farmer pic.twitter.com/ofsRIa0DsA
— ANI (@ANI) July 9, 2017
रिपोर्ट के मुताबिक, बताया जा रहा है कि किसान आर्थिक रूप से इतना कमजोर हो चुका है कि उसके पास बैल खरीदने के लिए भी पैसे नहीं थे, जिस वजह से किसान ने को बैलों की जगह बेटियों को लगा दिया। इस मामले पर किसान सरदार बरेला ने बताया कि बैलों की जोड़ी खरीदने के लिए उनके पास पर्याप्त पैसा नहीं था, जिसके चलते उन्हें बेटियों के साथ जुताई करनी पड़ी।
किसान ने बताया कि उनकी बेटियों ने 8वीं कक्षा से ही पढ़ाई छोड़ दी है और खेती किसानी में उनकी मदद करती हैं। साथ ही किसान ने शिवराज सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार उनकी मदद नहीं करती। उन्होंने कहा कि उनके पास अपना पेट पालने के लिए कोई चारा नहीं है। बैल न होने की वजह से बेटियों को बैल का काम करना पड़ा।
मामला सामने आने के बाद डीपीआरओ आशीष शर्मा ने बताया कि किसान को बच्चों से ऐसा काम नहीं करवाने के लिए कहा गया है। उन्हें हरसंभव सरकारी मदद मुहैया कराई जाएगी। प्रशासन इस मामले पर विचार कर रहा है। उन्हें उचित मदद दी जाएगी। प्रशासन इस मामले को देख रहा है।
The farmer instructed not to use children for such activities. Whatever help he can be given, admin is looking into it: Ashish Sharma, DPRO pic.twitter.com/2wJjum27HZ
— ANI (@ANI) July 9, 2017
6 किसानों की मौत
बता दें कि मध्यप्रदेश में पिछले दिनों किसान आंदोलन के वक्त काफी हंगामा हुआ था। मंदसौर में 6 जून को किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में छह किसानों की मौत हो गई थी और कई अन्य किसान घायल हो गये थे। इसके बाद किसान भड़क गये और किसान आंदोलन समूचे मध्य प्रदेश में फैल गया तथा और हिंसक हो गया।