बीजेपी शासित राज्य उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में बुधवार की रात कर्ज से परेशान एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसने वर्ष 2013 में पिता द्वारा बैंक से लिए गए कर्ज से ऋणमुक्ति के लिए एक दिन पूर्व ही बैंक की शाखा में आवेदन किया था।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार थाना नौहझील के गांव जरैलिया निवासी चोखेलाल के पुत्र रामेश्वर (45) ने बीती रात खेत पर जानवरों से फसल की रखवाली के दौरान फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। उसके परिजन ने पुलिस को बताया कि रामेश्वर के पिता चोखेलाल ने पांच वर्ष पूर्व खाद-बीज खरीदने के लिए इण्डियन ओवरसीज बैंक की शाखा से ऋण लिया था। दो वर्ष पहले उसके पिता की मृत्यु हो गई।
पिता की मृत्यु के बाद से ही रामेश्वर ऋण माफ कराने के लिए बैंक के चक्कर लगा रहा था। लेकिन उसे अब तक कामयाबी नहीं मिली थी। उसे खुद भी खेती से इतनी आमदनी नहीं हो रही थी कि वह कर्ज से मुक्ति पा लेता। उसके परिवार में तीन बच्चे, पत्नी व मां सहित छह लोग हैं।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, नौहझील के प्रभारी निरीक्षक श्याम सिंह ने बताया, एक दिन पूर्व ही वह हसनपुर स्थित आईओबी की शाखा में एक बार फिर ऋण माफ कराने के लिए अर्जी देकर आया था। लेकिन बैंक वालों के रुख से उसे कोई रियायत मिलने की उम्मीद नहीं बंधी।
इधर, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) रविंद्र कुमार ने भी इस मामले में रिपोर्ट तलब की है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। फिलहाल, पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रहीं है।