पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की पत्नी और मां ने उनसे मुलाकात की। पाकिस्तान की ओर से अनुमति मिलने के बाद कुलभूषण जाधव की पत्नी और मां सोमवार (25 दिसंबर) को पाकिस्तान की जेल में कुलभूषण से मुलाकात की।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने इस मुलाकात के लिए जाधव के परिवार को सिर्फ 30 मिनट का समय दिया था। बता दें कि, उनके साथ पाकिस्तान में भारतीय डिप्टी हाई कमिश्नर जेपी सिंह भी मौजूद रहे। इस मुलाकात को देखते हुए वहां विदेश मंत्रालय के पास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सुरक्षा के मद्देनजर एयरपोर्ट से विदेश मंत्रालय तक का ट्रैफिक रोक दिया गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के बाहर मीडिया और ओबी वैन का जमावड़ा लगा हुआ है।
जानिए क्या है पूरा मामला?
बता दें कि कुलभूषण जाधव भारतीय नागरिक हैं और वे नौसेना के रिटायर्ड कमांडर हैं। 3 मार्च 2016 को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने उन्हें अवैध तरीके से पाकिस्तान में घुसने और जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। जिसके बाद पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने 10 मार्च को भारतीय नौसेना के पूर्व अफसर कुलभूषण जाधव को रॉ का एजेंट बताकर मौत की सजा सुना दी।
उन्हें जासूसी करने और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का दोषी ठहराया गया है। आनन-फानन में पाक सेनाध्यक्ष ने जाधव की सजा-ए-मौत पर मुहर भी लगा दी। पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई सेंटर- द इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा कि फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने समेत सभी आरोपों में दोषी पाया।
आईएसपीआर ने कहा कि जाधव भारतीय नौसेना के कमांडर हैं और उन्होंने मजिस्ट्रेट के सामने कबूल किया है कि भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ ने उन्हें जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों की योजना बनाने और उसे अंजाम देने की जिम्मेदारी सौंपी थी।
जाधव पर पाक ने आरोप लगाया है कि वह बलूचिस्तान और कराची जैसी जगहों पर अशांति फैलाकर पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने और उसे अस्थिर करने की रणनीति के तहत काम कर रहे थे। पाक ने सैन्य अदालतों का गठन देश में आतंकी घटनाओं में लिप्त आतंकियों के खिलाफ जल्द सुनवाई के लिए किया था।
लेकिन आश्चर्यजनक तरीके से भारतीय नागरिक जाधव के खिलाफ सैन्य कोर्ट में गुपचुप तरीके से केस चलाया गया। उन्हें बिना कोई कानूनी सहायता उपलब्ध कराए फांसी की सजा सुना दी गई। हालांकि, पाकिस्तानी सेना का दावा है कि जाधव उर्फ हुसैन मुबारक पटेल को बचाव में वकील मुहैया कराया गया था।
बता दें कि भारत सरकार ने इस मामले को इंटरनेशनल कोर्ट में पहुंचा दिया है। 18 मई को इस मामले की सुनवाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत की 10 सदस्यीय पीठ ने जाधव को फांसी की सजा पर अमल पर रोक लगा दी थी।