BJP नेताओं की ‘हेट स्पीच’ नज़रअंदाज करने के आरोपों पर फेसबुक ने दी सफाई

0

अमेरिकी अखबार ‘Wall Street Journal’ में छपी रिपोर्ट में फेसबुक पर भारत में सत्ताधारी दल के नेताओं के हेट स्पीच को नज़रअंदाज करने के आरोप लगने के बाद सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी की तरफ से सफाई पेश की गई है। फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा है कि यह प्लैटफॉर्म नफरत या हिंसा फैलाने वाले पोस्ट को लेकर नियमों की अनदेखी कभी नहीं करता है। उसने कहा कि इसके लिए दुनियाभर में एक ही मापदंड लागू हैं जिससे किसी भी राजनीतिक दल या अन्य संस्थान या फिर उससे जुड़े व्यक्ति को कोई छूट नहीं दी जाती है।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक की एक प्रवक्ता की ओर से कहा गया, “हम हेट स्पीच और हिंसा भड़काने वाले कंटेंट पर रोक लगाते हैं और हम अपनी नीतियां बिना किसी की पार्टी या फिर राजनीतिक संबंध या पोजीशन देखे लागू करते हैं। हमें पता है कि हमें अभी बहुत कुछ करना है लेकिन हम इन नीतियों के लागू करने और अपने प्रयासों के नियमित आकलन को लेकर प्रतिबद्ध हैं ताकि निष्पक्षता और सटीकता बनी रहे।”

अखबार की रिपोर्ट के अनुसार भारत में फेसबुक और सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके कार्यकर्ताओं के बीच सांठगांठ है। रिपोर्ट के अनुसार भाजपा और उससे जुड़े लोगों के हेट स्पीच को लेकर फेसबुक नर्म रुख रखता है। रिपोर्ट में भाजपा विधायक टी राजा सिंह की एक पोस्‍ट का हवाला दिया गया था जिसमें कथित रूप से अल्‍पसंख्‍यकों के खिलाफ हिंसा की वकालत की गई थी। WSJ रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक के इंटरनल स्‍टाफ ने तय किया था कि ‘खतरनाक व्‍यक्तियों और संस्‍थाओं’ वाली पॉलिसी के तहत राजा को बैन कर देना चाहिए।

अखबार के इस दावे के बाद विपक्ष ने सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत कई कांगेस के नेताओं ने मोदी सरकार पर इस रिपोर्ट के बाद निशाना साधा है। कांग्रेस ने रिपोर्ट में लगाये गए आरोपों की जांच संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से कराने की मांग करते हुए कहा कि ये भारतीय लोकतंत्र की बुनियाद के लिए खतरा हैं और इनकी जांच की जानी चाहिए।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस लेख का हवाला देते हुए रविवार को भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर हमला किया उन्होंने कहा कि देश में आरएसएस और भाजपा फेसबुक और वॉट्सऐप पर नियंत्रण करते हैं। राहुल गांधी ने एक ट्वीट कर लिखा था, ‘भारत में फेसबुक और वॉट्सऐप पर भाजपा और आरएसएस का कब्जा है। ये इसके जरिए फेक न्यूज और नफरत फैलाते हैं। वे चुनाव को प्रभावित करने में भी इनका इस्तेमाल करते हैं। आखिरकार, अमेरिकी मीडिया में फेसबुक के बारे में सच बाहर आ गया।’

राहुल के ट्वीट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी दल को कैंब्रिज एनालिटिका मुद्दे की याद दिलाने का प्रयास किया। रविशंकर प्रसाद ने पलटवार करते हुए ट्वीट किया, जो हारने वाले लोग अपनी ही पार्टी में लोगों को प्रभावित नहीं कर सकते, वे ऐसा माहौल बनाते रहते हैं कि पूरी दुनिया पर भाजपा और आरएसएस का नियंत्रण है।उन्होंने कहा, ‘आप चुनाव से पहले आंकड़ों को हथियार बनाने के लिए कैंब्रिज एनालिटिका तथा फेसबुक के साथ गठजोड़ करते हुए रंगे हाथ पकड़े गये थे और अब हमसे सवाल पूछने की धृष्टता कर रहे हैं।’

देश के सत्ताधारी दल के प्रति पक्षपात का यह मुद्दा इतना गरम हो चुका है कि अब एक संसदीय समिति की तरफ से जांच की बात की जा रही है। केरल से कांग्रेस के सांसद और पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी ऑन इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी के चेयरमैन शशि थरूर ने ट्वीट किया, ‘मैं इसमें उठाए गए मुद्दों को देखूंगा और निश्चित रूप से जिनका नाम आया है, उनसे जवाब मागूंगा।’

Previous articleFacebook issues lame excuse to defend top executive for support to Islamophobia; Ankhi Das shared post calling India’s Muslims ‘degenerate community’
Next articleराहुल और प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर साधा निशाना, कहा- यूपी में जंगलराज चरम पर