वेबसाइट का दावा- 370 से ज्यादा सीटों के वोट गिनती में पाया गया अंतर, कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की स्पष्टीकरण की मांग

0

लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद भारत में ईवीएम यानी इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन को लेकर एक बार फिर विवाद शुरू हो गया है। एक समाचार वेबसाइट ने सनसनीखेज दावा किया है कि उसने 370 से अधिक लोकसभा सीटों पर ईवीएम वोटों की गिनती में अंतर पाया है। उल्लेखनीय है कि सत्तारूढ़ भाजपा ने 303 सीटें जीत कर पूर्ण बहुमत हासिल किया है। लोकसभा की 543 सीटों में से 542 सीटों पर सात चरण में मतदान हुआ था। 303 सीट जीत कर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी भाजपा के बाद कांग्रेस ने 52 सीटों पर जीत दर्ज की है।

समाचार वेबसाइट द क्विंट ने दावा किया है कि उसने चुनाव आयोग के दो सेट आंकड़ों का अध्ययन किया। पहला सेट था वोटर टर्न आउट या ईवीएम में दर्ज की गई वोटिंग और दूसरा सेट था चुनाव 2019 के बाद ईवीएम में की गई वोटों की गिनती। वेबसाइट के मुताबिक, पहले से चौथे चरण के चुनाव में उसने 373 सीटें ऐसी पाईं, जहां आंकड़ों के दोनों सेट में फर्क नजर आया। वेबसाइट ने कई लोकसभा सीटों पर सामने आए अंतर को उदाहरण के तौर विस्तृत रूप से दिखाया है।

वेबसाइट ने अपने रिसर्च में पाया है कि चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक तमिलनाडु की कांचीपुरम सीट पर 12,14,086 वोट पड़े, लेकिन जब सभी EVM की गिनती हुई तो 12,32,417 वोट निकले। वेबसाइट दावा कर रहा है कि उसने अपने रिसर्च में पाया कि यहां जितने वोट पड़े, गिनती में उससे 18,331 वोट ज्यादा निकले। इसी तरह निर्वाचन आयोग के मुताबिक, तमिलनाडु की ही दूसरी सीट धर्मपुरी पर 11,94,440 वोटरों ने मतदान किया, लेकिन जब गिनती हुई, तो वोटों की संख्या में 17,871 का इजाफा हुआ और कुल गिनती 12,12,311 वोटों की हुई।

इसके अलावा चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की मथुरा सीट के EVM में कुल 10,88,206 वोट पड़े, लेकिन 10,98,112 वोटों की गिनती हुई। यानी यहां भी वोटों में 9,906 की बढ़ोत्तरी। द क्विंट के मुताबिक, पहले चार चरण में 373 सीटों के लिए वोट पड़े। वोटों की गिनती के बाद इनमें 220 से ज्यादा सीटों पर मतदान से ज्यादा वोट काउंट दर्ज किए गए। बाकी सीटों पर वोटों की संख्या में कमी पाई गई।

जवाब मांगने पर चुनाव आयोग ने हटा लिए सारे आंकड़े

द क्विंट ने दावा किया है कि 7 मई को उसने मेल कर चुनाव आयोग से आंकड़ों में फर्क के बारे में पूछा। निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने द क्विंट से संपर्क भी किया और कहा कि जल्द हमें जवाब मिल जाएगा। क्विंट का दावा है कि उसी दिन निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट eciresults.nic.inसे “final voter turnout” का टिकर अचानक गायब हो गया।

जब उसने आयोग से पूछा कि वेबसाइट के टिकर से आंकड़े क्यों हटाए गए, तो आयोग ने कोई जवाब देना जरूरी नहीं समझा। उसी शाम वेबसाइट को चुनाव से एक ईमेल आया। अपने मेल में आयोग ने सिर्फ एक संसदीय क्षेत्र में वोटिंग में फर्क पर सफाई दी थी। आयोग ने लिखा था कि आंकड़े अधूरे हैं। जल्द ही उन्हें दुरुस्त कर लिया जाएगा।

इसके बाद वेबसाइट ने बाकी संसदीय क्षेत्रों के आंकड़ों में पाए गए अंतर पर चुनाव आयोग से फिर जानकारी लेनी चाही। उसने अपने ईमेल में पहले से चौथे चरण के सभी आंकड़ों का हवाला दिया। ईमेल में क्विंट ने आयोग की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड किए सभी आंकड़े भी संलग्न किए हैं और वे अब भी चुनाव आयोग के जवाब का इंतजार कर रहे हैं।

कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब

मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ट्वीट कर इस मामले में चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण की मांग की है। कांग्रेस ने कहा कि वोटों की संख्या और ईवीएम के वोटों की गिनती के काफी अंतर पाया गया है। चुनाव आयोग को इन विसंगतियों के बारे में स्पष्टीकरण देनी चाहिए। बता दें कि अगर वोटिंग की संख्या और वोटों की गिनती की संख्या में अंतर का दावा अगर सही पाया जाता है कि उम्मीदवार वोटों की दोबारा गिनती की मांग कर सकते हैं।

 

Previous articleमुंबई: कांग्रेस विधायक और बीजेपी सांसद रणजीत सिंह नाइक निंबालकर ने राज्य के मंत्री गिरीश महाजन से की मुलाकात
Next articleलोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस के लिए कर्नाटक से आई खुशखबरी, निकाय चुनाव में जेडीएस और BJP को पीछे छोड़ जीतीं सबसे ज्यादा सीटें