चंदा मामला: चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को भेजा नोटिस, पूछा- क्यों ना रद्द किया जाए चुनाव चिन्ह?

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राजधानी दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए मंगलवार (11 सितंबर) को बुरी खबर आई है। दरअसल, चुनाव आयोग ने सीएम अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में पार्टी के आयकर विवरण और आयोग को दिए गए दस्तावेजों में अंतर बताया गया है। चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को नोटिस भेजकर पूछा है कि क्यों ना उसका चुनाव चिन्ह रद्द कर दिया जाए।

File Photo: PTI

रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को नोटिस जारी किया है कि वे वित्तीय वर्ष 2014-15 के दौरान पार्टी को मिले चुनावी चंदे की विसंगतियों को समझाएं। चुनाव आयोग ने AAP से पूछा है कि कानूनी निर्देशों का पालन करने में विफलता के लिए आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए?

आयोग ने आम आदमी पार्टी को चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश 1968 की धारा 16ए के तहत नोटिस जारी कर उसे 20 दिन के भीतर इसका जवाब देने को कहा है। आयोग ने अपने नोटिस में यह भी कहा है कि उपरोक्त नियमों का उल्लंघन करने के लिए क्यों न उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

आयोग के निदेशक विक्रम बत्रा द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार आम आदमी पार्टी ने चुनाव अायोग को वित्तीय आंकड़ों के बारे में 30 सितंबर 2015 को अपनी पार्टी के चंदे का हिसाब भेजा था और बाद में 20 मार्च 2017 को संशोधित हिसाब भेजा लेकिन इन दोनों के आंकड़ों में काफी अंतर पाया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चुनाव आयोग की ओर से कहा गया है कि पार्टी को चंदे में मिली रकम की जानकारी अलग-अलग बताया गया है। इन सभी बातों पर चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी से स्पष्टीकरण मांगा है। आयोग ने नाराजगी जताते हुए कहा कि क्यों न आम आदमी पार्टी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर ये पूछा जाए कि आप दान के संबंध में सही जानकारी क्यों नहीं दे रहे हैं।

चुनाव आयोग द्वारा मुख्य तौर से आप पर आरोप लगाए गए हैं कि पार्टी नेताओं ने हवाला डीलर्स के जरिए दान ली और वेबसाइट पर दान के संबंध में गलत जानकारी दी गई। इसके साथ ही 13.16 करोड़ की दान की रकम का कोई हिसाब किताब नहीं है। इसके अलावा ये भी आरोप है कि दानदाताओं के बारे में सही जानकारी नहीं दी गई है।

चुनाव आयोग द्वारा जारी नोटिस में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज यानी सीबीडीटी की भेजी रिपोर्ट के आधार पर आम आदमी पार्टी पर आरोप है कि उसने साल 2014-15 में चंदे के मामले में पारदर्शिता के चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन किया है। नोटिस में कहा गया है कि सीबीडीटी की रिपोर्ट से ऐसा प्रतीत होता है कि आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग के पारदर्शिता के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया।

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