प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बालाकोट एयर स्ट्राइक के बारे में रडार वाले बयान के बाद अब डिजिटल कैमरा और ईमेल के इस्तेमाल को लेकर किए गए एक नए दावे के बाद विवाद शुरू हो गया है। न्यूज़ नेशन को दिए इंटरव्यू का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी ने दावा करते हुए कहा कि उन्होंने वर्ष 1987-88 में डिजिटल कैमरे से एक तस्वीर खींचकर ईमेल की थी। इस बयान के बाद मोदी सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स के साथ-साथ राजनीतिक दलों के भी निशाने पर हैं। वहीं, पीएम मोदी के इस दावे से सोशल मीडिया हैरान और परेशान है।
राजनीतिक पार्टियों के नेताओं, बॉलीवुड और सोशल मीडिया पर तमाम यूजर्स पीएम मोदी के इस दावे की तह तक जाने में लगा हुआ है। सोशल मीडिया पर पीएम मोदी का ये वीडियो खूब वायरल हो रहा है। ना सिर्फ सोशल मीडिया यूजर्स बल्कि राजनीतिक पार्टियां भी इस मुद्दे पर बहस कर रहे हैं। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने पीएम मोदी के इस दावे को अपने पक्ष में हथियार के रूप में इस्तेमाल कर जोरदार हमला बोला है। कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा गया, “दोबारा मत पूछना कि कांग्रेस ने 60 सालों में क्या किया!”
पार्टी के अलावा कांग्रेस की सोशल मीडिया और डिजिटल कम्युनिकेशंस हेड दिव्या स्पंदना (राम्या) ने वीडियो शेयर कर प्रधानमंत्री मोदी के इस दावे पर टिप्पणी की है। दिव्या स्पंदना ने लिखा है कि क्या आप सोच सकते हैं कि 1988 में नरेंद्र मोदी की ईमेल आईडी क्या थी? मुझे लगता है dud@lol.com। वहीं, ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष सदुद्दीन ओवैसी ने लिखा कि प्रधानमंत्री के पास बटुआ नहीं था, क्योंकि पैसे नहीं थे, लेकिन 1988 में उनके पास ईमेल और डिजिटल कैमरा था।
इस बीच अब मशहूर डायरेक्टर अनुराग कश्यप ने एक तस्वीर ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावे पर तंज कसा है। अनुराग ने ट्वीट किया, “Q-जब Marconi ने रेडीओ का अविष्कार किया था तो उसपे कौन सा FM स्टेशन पहले से ही बज रहा था? Ans- उसी ग़रीब का FM चैनल जिसके मिस्ड कॉल्ज़ ग्राहम बेल के फ़ोन पे थे जब उसने फ़ोन का अविष्कार किया।”
Q-जब Marconi ने रेडीओ का अविष्कार किया था तो उसपे कौन सा FM स्टेशन पहले से ही बज रहा था ?
Ans- उसी ग़रीब का FM चैनल जिसके मिस्ड कॉल्ज़ ग्राहम बेल के फ़ोन पे थे जब उसने फ़ोन का अविष्कार किया । pic.twitter.com/OeWfPfAmJE— Anurag Kashyap (@anuragkashyap72) May 13, 2019
वहीं, एक अन्य ट्वीट में अनुराग कश्यप ने कहा कि 1987 में उनके पास डिजिटल कैमरा था और वे 1987-88 में लोगों को ई-मेल कर रहे थे… क्या वे झूठ बोल रहे हैं? या सिर्फ भ्रम है।
In 87 he had the digital camera and he was e-mailing people in 87-88… is he a chronic liar? Or just delusional https://t.co/nAmG5GZBSG
— Anurag Kashyap (@anuragkashyap72) May 13, 2019
इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा था?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को न्यूज नेशन चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, “शायद, देश में… मैंने पहली बार डिजिटल कैमरा का उपयोग किया था, 1987-1988 में और उस समय काफी कम लोगों के पास ईमेल रहता था। तो मेरे यहां विरमगाम तहसील में आडवाणी जी की सभा थी, मैंने डिजिटल कैमरा पर उनकी फोटो खींच ली और दिल्ली को ट्रांसमिट की और दूसरे दिन कलर फोटो छपी तो आडवाणी जी को बड़ा सरप्राइज हुआ।” प्रधानमंत्री मोदी का ये वीडियो सोशल मीडिया पर जंगल में आग की तरह फैल रहा है।
एक इकॉनोमिस्ट रूपा सुब्रमण्या ने पीएम मोदी के इस दावे पर ट्वीट कर लिखा कि 1988 में पश्चिमी देशों में भी कुछ ही शिक्षाविदों और वैज्ञानिकों के पास ही ईमेल उपलब्ध था, लेकिन मोदी ने 1988 में ही हिंदुस्तान में ईमेल का इस्तेमाल कर लिया था। जबकि बाकी देश के लिए 1995 में इसका आधिकारिक रूप से इस्तेमाल लागू हुआ।
इसके अलावा पीएम मोदी के वायरल वीडियो के जवाब में पत्रकार शाहिद अख्तर ने लिखा है कि पहला डिजिटल कैमरा 1990 में बिक्री के लिए सामने आया था। ये लोजिटेक फोटोमैन का ग्रे वर्जन था, लेकिन पीएम मोदी के पास ये 1988 में ही था। इसके अलावा तब उन्होंने इंटरनेट का भी इस्तेमाल कर लिया था, जबकि भारत में 14 अगस्त, 1995 में इंटरनेट आया था। ट्विटर पर लोगों की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है।