पूर्व रेलवे मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने भारतीय रेलगाड़ियों में आपूर्ति की गुणवत्ता पर सनसनीखेज खुलासा किया है। पूर्व रेलवे मंत्री दिनेश को एक वीडियो में रेलवे में मिलने वाले भोजन, पेय पदार्थ की गुणवत्ता का भंडाफोड़ करते हुए देखा जा सकता है।
वीडियो में त्रिवेदी दिखाते है कि शताब्दी ट्रेनों में यात्रियों के लिए आपूर्ति की गई पैक्ड बोतलों की क्वालिटी। वह एक नीबू पानी की बोतल को खोलकर दिखाते है। ‘फ्रेस्का’ के नाम की यह पानी की बोतल का ढक्कन खोलने पर गंदगी नीचे पड़ी हुई दिखाई देती है। सीलबंद वाटर बोतल के इस ग्लास में पहले से ही काले रंग की गंदगी मिली हुई पाई गई।
त्रिवेदी कहते हैं मैं आज दशहरे के दिन दिल्ली जाने के लिए शताब्दी ट्रेन पर सफर कर रहा हूं और यहाँ मैं एक ‘फ्रेस्का’ नींबू पानी खोलता हूं। मैं अंदर क्या देखत हूं आइये आपको भी दिखा देता हूं। वह ऐसा पानी पीने से बचने की बात कहते है। त्रिवेदी कहते हैं कि हम सभी इसके लिए जिम्मेदार हैं क्योंकि हम इसका विरोध नहीं करते हैं। त्रिवेदी ने कहा कि सरकार को आज ही ‘फ्रेस्का’ से सभी आपूर्ति रद्द करनी चाहिए।’
#EXCLUSIVE – Ex-Rail Min Dinesh Trivedi comes out all guns blazing against hygiene in railways. Contaminated drinks served on trains pic.twitter.com/krTmlNwwy1
— News18 (@CNNnews18) October 1, 2017
पिछले दिनों नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की ओर से संसद में रखी गई रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि, रेल में परोसा जाने वाला खाना इंसानों के खाने लायक नहीं है।
(CAG) की रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रेनों और स्टेशनों पर परोसी जा रही चीजें प्रदूषित हैं और डब्बा बंद व बोतलबंद वस्तुओं का उपयोग उस पर लिखी इस्तेमाल की अंतिम तारीख के बाद भी किया जा रहा है। ऑडिट में पाया गया है कि रेलवे की फूड पॉलिसी में लगातार बदलाव के चलते यात्रियों को मिलने वाली कैटरिंग सुविधा में अनिश्चितता की स्थिति पैदा करता है। इसलिए रेलवे की फूड पॉलिसी यात्रियों के लिए हमेशा एक सवाल बनी रहती है।
रेलवे और कैग की संयुक्त टीम द्वारा 74 रेलवे स्टेशनों और 80 ट्रेनों में किए गए सर्वे के बाद ऑडिट नोटिस में कहा गया था कि ट्रेन और स्टेशन दोनों पर साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता। खाना बनाने के लिए अशुद्ध पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
साथ ही इसमें कहा गया है कि, खाली कचरे के डिब्बों को ना तो ढका जाता है और ना ही समय-समय पर साफ किया जाता है। खाने को मक्खी, कीड़े-मकोड़े, चूहे और कॉकरोच से बचाने के लिए कोई पुख्ता उपाय नहीं किया जाता है। ट्रेनों में चूहों के अलावा कॉक्रोच, मक्खियां और धूल भी पाई गई है।