कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर नरम रुख रखने के पैरोकार पार्टी के कुछ नेताओं पर शनिवार (11 जुलाई) को निशाना साधा और सवाल किया कि जो राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के आक्रामक रुख की सराहना नहीं करते, वो कांग्रेस में क्यों हैं। उन्होंने पार्टी के संगठन को फिर से खड़ा करने एवं मजबूत बनाने की पैरवी करते हुए राहुल गांधी से आग्रह किया कि वह दोबारा पार्टी की कमान संभालें।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘2019 में राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी के लिए वस्तुत: मुख्य चुनौती बनकर उभरे थे। उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष अथवा लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता के तौर पर पार्टी को खड़ा करने का काम जारी रखना चाहिए था। कांग्रेस में कोई भी उनके विरोध में नहीं है।’’
उन्होंने प्रधानमंत्री पर हमले से परहेज की पैरवी करने वाले कुछ कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस में कौन लोग हैं जो प्रधानमंत्री मोदी को लेकर नरम रहने की पैरवी करते हैं? उनके पास यह साहस होना चाहिए कि वे पार्टी के भीतर अथवा सार्वजनिक तौर पर अपनी बात रखें।’’
He had virtually emerged as the main challenger to Modi in 2019 and should have continued to build the Party either as AICC President or Leader of Congress Parliamentary Party in Lok Sabha. Why did he voluntarily withdraw from the scene?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 11, 2020
दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘‘मैं निजी तौर पर राहुल जी और प्रियंका जी के आक्रामक रुख का समर्थन करता हूं। वे भारत और उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय हित के मुद्दों को उठा रहे हैं। अगर कांग्रेस में कुछ नेता इसकी सराहना नहीं करते तो फिर वे कांग्रेस में क्यों हैं?’’
But at the same time Congress Leadership must take up the challenge of building the Party organisation brick by brick. This is where we need the dynamism of Rahul ji and Priyanka ji. I am sure both of them have the Guts and Courage to take on ModiShah twins.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 11, 2020
गौरतलब है कि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और कुछ अन्य नेता समय-समय पर यह कह चुके हैं कि प्रधानमंत्री मोदी की निजी तौर पर अलोचना नहीं की जानी चाहिए। पिछले दिनों कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में पार्टी के एक राष्ट्रीय प्रवक्ता ने भी यही राय जाहिर की थी जिससे प्रियंका गांधी वाड्रा और कुछ अन्य नेताओं ने पुरजोर ढंग से असहमति जताई थी।
दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘‘मैं चिदंबरम जी की सराहना करता हूं कि मनगढंत आरोप में जेल जाने के बाद भी वह नहीं झुके।’’ सिंह के मुताबिक, कांग्रेस नेतृत्व को संगठन के निर्माण की चुनौती हाथ में लेनी चाहिए। यहीं पर हमें राहुल जी और प्रियंका जी के बहुआयामी नेतृत्व की जरूरत है। मुझे भरोसा है कि दोनों में यह दम और साहस है कि वे ‘मोदी-शाह जोड़ी’ का मुकाबला कर सकें।
I admire Chidambaram ji for not bowing down to them even after they sent him to jail on cooked up charges.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 11, 2020
उन्होंने कहा, ‘‘यह गलत धारणा है कि मोदी-शाह ईडी, आयकर और सीबीआई के जरिए गांधी-नेहरू परिवार को डरा-धमका सकते हैं। यह परिवार अंग्रेजों से निडर होकर लड़ा और वर्षों जेल में रहा। ये लोग बहुत बहादुर हैं। इसलिए मोदी-शाह जी किसी भ्रम में मत रहिए।’’
ModiShah are under a misconception that they can browbeat Nehru Gandhi Family by threats of ED/IT/CBI. Their whole Family have fought the British fearlessly spent years in jail and are a brave lot. So don’t be under any of illusion ModiShah ji.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 11, 2020
कांग्रेस के पूर्व महासचिव ने कहा, ‘‘यही पूरे मामले का सार है और यही सोनिया जी, राहुल जी और प्रियंका जी के समक्ष चुनौती है। मुझे यकीन है कि वे ऐसा करेंगे। पूरी कांग्रेस पार्टी, चाहे बुजुर्ग हों या नौजवान, सभी आपके पीछे खड़े हैं और आप लोग जो चाहेंगे वो कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। इसलिए राहुल जी, कृपया नेतृत्व करिए।’’ (इंपुट: भाषा के साथ)