दक्षिणपंथी समूह के समर्थक पोस्टकार्ड नाम के एक न्यूज वेबसाइट ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए दावा किया है कि वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त और राजदीप सरदेसाई ने एक बार भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति दिवंगत एपीजे अब्दुल कलाम का अपमान किया था। बरखा दत्त, राजदीप सरदेसाई और तत्कालीन राष्ट्रपति कलाम की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
पोस्टकार्ड वेबसाइट ने दावा किया है कि वे (राजदीप और बरखा) महाराजा की तरह कुर्सी पर बैठे थे। लेकिन उन्हें इस बात की आवश्यकता महसूस नहीं हुई कि उनके (कलाम) साथ फर्श पर खुद भी बैठ जाए। वेबसाइट ने सवाल उठाया है कि कलाम के सम्मान में इन दोनों को खड़ा हो जाना चाहिए था। पोस्टकार्ड का दावा है कि बरखा और राजदीप ने कलाम को कुर्सी पर बैठने के लिए भी नहीं कहा।
वेबसाइट का कहना है कि इन पत्रकारों को अपने राष्ट्रपति के मान का कोई ख्याल नहीं था। ये महाराजाओं की तरह बिराजमान हुए बैठे थे। उन्होंने उस वार्तालाप को आगे बढ़ाया ना कि महामहिम को नीचे बैठा हुआ देख खुद नीचे बैठे या उनके सम्मान में खड़े होकर उन्हें बैठने के लिए कहा। एक आम व्यक्ति भी हो तब भी हम उनके सम्मान में कुर्सी से खड़े होते है और ये तो हमारे प्रिय राष्ट्रपति “कलाम द ग्रेट” है।
पोस्टकार्ड का कहना है कि ऐसी घटिया सोच वाले पत्रकार क्या किसी को जागरूक करेंगे। खुद को शिक्षित कहने वाले इनकी असभ्यता का इससे बड़ा प्रदर्शन और क्या हो सकता है। वेबसाइट का कहना है कि इन्होंने कलाम को अपमानित किया। वेबसाइट ने सुप्रीम कोर्ट से भी इन दोनों पत्रकारों के खिलाफ हस्तक्षेप करने और कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
जानिए पोस्टकार्ड वेबसाइट के प्रोपेगेंडा का सच?
अब सवाल यह है कि क्या राजदीप और बरखा ने वास्तव में राष्ट्रपति कलाम का अपमान किया था? दरअसल, वेबसाइट ने राजदीप और बरखा द्वारा राष्ट्रपति कलाम को अपमानित करने का जो दावा किया जा रहा है वह फर्जी है। यह ऐतिहासिक दृष्य वर्ष 2007 का है। जब रामनाथ गोयनका पत्रकारिता पुरस्कार के वार्षिक समारोह के अवसर पर उस वक्त के तत्कालीन राष्ट्रपति दिवंगत एपीजे अब्दुल कलाम को पुरस्कार देने के लिए आमंत्रित किया गया था।
इस दौरान राजदीप और बरखा के अलावा इंडियन एक्सप्रेस के तत्कालीन मुख्य संपादक शेखर गुप्ता और द हिंदू के संपादक एन राम सहित अन्य वरिष्ठ पत्रकार भी इस कार्यक्रम शामिल थे। शेखर गुप्ता ने भी ट्वीट कर वेबसाइट के आरोपों को खारिज किया है। कार्यक्रम में शामिल पत्रकारों के मुताबिक पत्रकारिता को लेकर बहस चल रही थी तभी उस बीच राष्ट्रपति कलाम उठकर जाने लगे।
Pres. Kalam was chief guest at Ram Nath Goenka Excellence in Journalism Awards. He stayed back to watch panel disc on media & sat in the front-row sofa. He got so animated hearing the debate, he walked up to the stage, sat & spoke from there on his own. It was our high point https://t.co/8mNKDAGCCe
— Shekhar Gupta (@ShekharGupta) March 9, 2018
तभी बरखा दत्त ने राष्ट्रपति कलाम को इस बात की तरह इशारा किया कि एन राम आपके ही सवालों का जवाब दे रहे हैं। यह सुनते ही कलाम एक बार फिर वापस आ गए और वह फर्श पर ही बैठ गए। इसके बाद एन राम और उनके बीच में करीब 1-2 मिनट तक बहस हुई थी। दरअसल इस खबर को बरखा दत्त ने शेखर गुप्ता को टैग करते हुए उनसे इसकी सच्चाई बताने को कहा, जिसके बाद शेखर गुप्ता ने ट्वीट कर इस खबर को फर्जी करार देते हुए सच्चाई को सामने रखा है।
Time to shut down one more fake news story. @ShekharGupta was editor at Express at this event & will testify how President Kalam mandated this seating arrangement in his own inimitable way. So do find another horse to flog. https://t.co/Hj7k0c8W3h
— barkha dutt (@BDUTT) March 9, 2018
बता दें कि भारत के ‘मिसाइल मैन’ के रूप में लोकप्रिय डॉ एपीजे अब्दुल कलाम बेहद साधारण पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते थे तथा जमीन और जड़ों से जुड़े रहकर उन्होंने ‘‘जनता के राष्ट्रपति’’ के रूप में लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई थी। समाज के सभी वर्गों और विशेषकर युवाओं के बीच प्रेरणा स्रोत बने डॉ कलाम ने राष्ट्राध्यक्ष रहते हुए राष्ट्रपति भवन के दरवाजे आम जन के लिए खोल दिए जहां बच्चे उनके विशेष अतिथि होते थे। लेकिन वेबसाइट उनके जैसे महान शख्स का सहारा लेकर प्रोपेगेंडा फैला रहा है।