देश के साथ-साथ दिल्ली में भी कोरोना वायरस का कहर रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है, हर रोज हजारों की संख्या में नए मरीज सामने आ रहे हैं तो वहीं सैकड़ों मरीजों की रोजोना मौत हो रही है। इस बीच, उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के एक स्कूल की संविदा शिक्षिका और उसके पति की कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मौत हो गई।

निगम की ओर से जारी बयान के मुताबिक, 45 वर्षीय शिक्षका को दो मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और चार मई को उसकी मौत हो गई जबकि पांच मई को आई जांच रिपोर्ट में वह संक्रमित पाई गई। 45 वर्षीय महिला शिक्षक के पति की भी मृत्यु 3 मई को COVID-19 से हो गई थी। दिल्ली भाजपा और नगर निगम शिक्षक संघ ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार से शिक्षिका के परिवार को एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि दिए जाने की मांग की। निगम ने कहा कि परिवार को मुआवजा देने की अपील वाली फाइल को आगे भेजा जा रहा है।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक एनडीएमसी के एक अधिकारी ने कहा कि, ”शिक्षिका दिल्ली सरकार की राशन वितरण योजना के लिए तैनात थी। वह आखिरी बार 18 अप्रैल को काम पर आई थी। उसे 25 अप्रैल को फिर से काम पर आना था लेकिन वह नहीं आई। उसके दो बेटे हैं। उसके घर को दो बार संक्रमण मुक्त किया जा चुका है।”
दिल्ली के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने शिक्षिका के निधन पर शोक व्यक्त किया। तिवारी ने कहा, ”शिक्षिका की मौत हो गई जबकि वह बुराड़ी में राशन वितरण करने की ड्यूटी में तैनात थी। दिल्ली सरकार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देनी चाहिए।”
नगर निगम शिक्षा संघ के महासचिव राम निवास सोलंकी ने भी मृतक शिक्षक के परिजनों के लिए एक करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की।
इस बीच, करोल बाग जोन का एक मलेरिया निरीक्षक भी संक्रमित पाया गया। उन्हें एलएनजेपी अस्पताल ले जाया गया, जहां शुरुआती जांच के बाद घर में ही पृथक-वास में रहने की सलाह के साथ छुट्टी दे दी गई। अधिकारी ने कहा कि निरीक्षक के संपर्क में आए 19 लोगों को घरों में ही पृथक-वास में रहने को कहा गया है। हालांकि, इन लोगों में अब तक कोरोना वायरस के कोई लक्षण सामने नहीं आए हैं।