दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने लोगों के हित में बड़ा फैसला किया है। दिल्ली कैबिनेट ने मंगलवार (12 दिसंबर) को सड़क दुर्घटनाओं, आग और एसिड हमलों के शिकार हुए पीड़ितों को राजधानी दिल्ली के सभी अस्पतालों में सरकारी खर्चे पर इलाज संबंधी नि:शुल्क उपचार योजना को मंजूरी दे दी। जिसके मुताबिक अब सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों को दिल्ली में तत्काल स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।

इतना ही नहीं इन मरीजों के इलाज पर आने वाला खर्च भी दिल्ली सरकार उठाएगी। पीड़ितों का इलाज चाहे सरकारी अस्पताल में हो या फिर निजी अस्पताल में। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में ‘एक्सीडेंट विक्टिम योजना’ को मंजूरी दे दी गई।
दिल्ली सरकार ने साफ किया है कि इन मामलों में हर नागरिक को सरकार की योजना लाभ मिलेगा। शर्त सिर्फ इतनी है कि हादसा दिल्ली की सीमा क्षेत्र में होना चाहिए और एमएलसी दिल्ली पुलिस की होनी चाहिए। आम आदमी पार्टी (आप) सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि, “कैबिनेट ने आज (मंगलवार) दुर्घटना पीड़ितों के उपचार की योजना को मंजूरी दे दी, जो उपराज्यपाल (अनिल बैजल) की मंजूरी के बाद लागू होगी।”
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि, “सरकार दिल्ली या दिल्ली के बाहर के किसी भी व्यक्ति के उपचार का खर्च देगी, जो शहर की सड़क पर किसी दुर्घटना में घायल हो जाता है।” उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में हर साल लगभग 8,000 दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें 20,000 लोग घायल होते हैं। इसमें औसतन 1,600 की मौत हो जाती है।
सत्येंद्र जैन ने कहा कि, “नजदीकी अस्पतालों को छोड़कर पीड़ितों को आमतौर पर पैसे बचाने के लिए सरकारी अस्पतालों में ले जाया जाता है। दुर्भाग्यवश, बहुत सारे लोग समय से चिकित्सा सुविधा नहीं मिलने के कारण मर जाते हैं। इस योजना से लोगों को बचाने में मदद मिलेगी।”