देश की राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने शहर की मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम काटे जाने संबंधी टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से दायर मानहानि मामले में आतिशी मार्लेना और आम आदमी पार्टी (आप) के अन्य नेताओं को शुक्रवार (7 जून) को जमानत दे दी।

आम आदमी पार्टी (आप) से राज्यसभा के सदस्य सुशील कुमार गुप्ता और विधायक मनोज कुमार को भी 10,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गईे। इससे पहले ये तीनों अदालत के समक्ष पेश हुए। हालांकि आम आदमी पार्टी(आप) के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुक्रवार को अदालत के सामने नहीं पेश हुए। अदालत ने उन्हें 16 जुलाई को पेश होने का निर्देश दिया है।
भाजपा नेता राजीव बब्बर ने इन तीनों पर भाजपा की छवि खराब करने के आरोप लगाते हुए कार्रवाई किए जाने की मांग थी। भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख बब्बर ने कहा कि इन्होंने यहां की मतदाता सूची से ‘वोटरों’ के नाम हटाए जाने का दोष भाजपा के मत्थे मढ़ उसे बदनाम करने की कोशिश की।
बब्बर ने दावा किया कि आप नेताओं ने पिछले साल दिसंबर में संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया था कि भाजपा के इशारे पर चुनाव आयोग ने बनिया, पूर्वांचली और मुस्लिम समुदाय से 30 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए थे।
बता दें कि, आतिशी मार्लेना ने अभी हाल ही में खत्म हुए लोकसभा चुनावों में पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट पर चुनाव लड़ा था। जहां उनका मुकाबला बीजेपी नेता गौतम गंभीर और कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली से था। लेकिन यहां पर आतिशी और लवली को मात देते हुए पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीरने जीत दर्ज किया था। (इंपुट: भाषा के साथ)