गुजरात में दलितों पर कथित तौर अत्याचार की घटनाओं और उनके साथ भेदभाव व उत्पीड़न का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले दिनों ऊना कांड को लेकर आलोचनाओं का शिकार हुई बीजेपी सरकार के राज में दलितों की बेरहमी से पिटाई का एक और मामला सामने आया है। यहां पर एक दलित युवक को इसलिए पीटा गया क्योंकि उसकी मूंछे स्टाइलिश थी।
युवक की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात की राजधानी गांधीनगर से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर कुछ लोगों ने कथित रूप से एक दलित युवक के साथ मारपीट की क्योंकि उसने स्टाइलिश मूंछ रखी थी।
गांधीनगर के काकोल तालुका के लिंबोदरा गांव में रहने वाले पीड़ित 24 वर्षीय पीयूष परमार ने बताया कि 25 सिंतबर को दरबार समुदाय को लोगों ने मूंछ को लेकर उसके साथ मारपीट की। वहीं युवक की शिकायत के बाद पुलिस ने उत्पीड़न के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
आरोपियों की पहचान मयूर सिंह वघेला, राहुल विक्रमसिंह और अजीत सिंह वघेला के रूप में हुई। इस मामले की जांच एसपी लेवल के अधिकारी द्वारा की जा रही है। एफआईआर के अनुसार पीयूष परमार, जो गांधीनगर एक निजी फर्म में काम करता है, अपने चचेरे भाई दिगांत महेरिया के साथ गरबा देखकर घर लौट रहे थे। रास्ते में कुछ लोगों ने उन्हें जातिसूचक भद्दी गालियां दीं।
पीड़ित परमार ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया, वहां बहुत अंधेरा था और अंधेरा होने के कारण हम उनको दूर से देख नहीं पाए थे। जहां से आवाज आ रही थी जब हम उस स्थान पर गए तो वहां पर दरबार समुदाय के तीन लोग थे। किसी तरह के झगड़े से बचने के लिए हमने उनको नजरअंदाज किया।
लेकिन वो हमारा पीछा कर घर तक पहुंच गए और दोबारा गालियां देने लगे। उन्होंने पहले दिगांत को पीटा और फिर मुझे पीटने लगे। वो बार-बार पूछ रहे थे कि नीची जाति के होने के कारण मैं मूछ कैसे रख सकता हूं।
गौरतलब है कि, पिछले साल ऊना में मरी गाय की खाल निकालने पर चार दलितों की बेरहमी से पिटाई की गई थी। जिसके बाद यह घटना आग की तरह फैल गई थी। इसके विरोध में दलितों ने गुजरात के सरकारी कार्यालयों के सामने मरी गायें डाल दी थीं। साथ ही गुजरात समेत देशभर में इस घटना के विरोध में प्रदर्शन हुए थे।