उत्तर प्रदेश, गुजरात सहित देश के कई राज्यों में दलित समुदाय के आक्रोश का सामना कर रही भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला बीजेपी शासित राज्य और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह नगर गुजरात से आया है, जहां दलित लड़कियों को पुजारी ने मंदिर में प्रवेश से रोक दिया, जिसे लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। जी हां, मंदिर के पुजारियों ने बच्चियों को पूजा करने से इसलिए रोक दिया, क्योंकि वह दलित समाज से थीं।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, गोधरा के पास स्थित मोहलोल गांव के मंदिर में कुछ लड़कियां गौरी-व्रत की पूजा करने के लिए मंदिर के अंदर जाना चाहती थीं, लेकिन दलित समुदाय से होने की वजह से वहां मौजूद पुजारियों ने उन्हें मंदिर के अंदर जाने से मना कर दिया।
जी हां, TOI के अनुसार, यह मामला शनिवार(8 जुलाई) को उस वक्त सामने आया, जब मंदिर के पुजारी बाबू भट्ट ने लड़की को मंदिर से बाहर धक्का दे दिया। पीड़ित लड़कियों के पिता गोपाल मोची ने दर्ज अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि व्रत की शुरुआत से ही पुजारी उन्हें मंदिर में नहीं जाने दे रहा था, क्योंकि वे वाल्मीकि समुदाय से हैं।
बच्चियों का कई दिनों से हो रहा था अपमान
रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित लड़कियों के पिता गोपाल मोची ने कहा, ‘पुजारी लड़कियों को बीते दो दिनों से मंदिर जाने से मना कर रहा है, लेकिन बच्चियां डर की वजह से हमें बता नहीं रही थीं। लेकिन, शनिवार को जब मामला ज्यादे आगे बढ़ गया तब उन्होंने हमें इस बारे में जानकारी दी।’
पुजारी के बेटे ने दी गाली
गोपाल ने अखबार को बताया कि वह खुद इस विवाद को खत्म करने के लिए पुजारी से मुलाकात करने उनके पास गया, लेकिन उनके बेटे नीलेश ने कहा कि उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं है और वह चाहें तो पुलिस से भी शिकायत कर सकते हैं।’
मोची ने कहा कि नीलेश ने मुझे गालियां देते हुए कहा कि यदि लड़कियां मंदिर में प्रवेश करती हैं तो परिसर अशुद्ध हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हम लोग उस मंदिर में नहीं जाते हैं, क्योंकि हमारे समुदाय का दूसरा मंदिर है, लेकिन उसके बंद होने के चलते लड़कियां उस मंदिर में चली गई थीं, जहां उन्हें अपमानित होना पड़ा।
पुजारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
हालांकि, मामला मीडिया में आने के बाद मंदिर के दो पुजारियों समेत तीन लोगों के खिलाफ दलित लड़कियों को मंदिर में प्रवेश न देने पर मुकदमा दर्ज किया गया है। पीड़ित लड़कियों के पिता गोपाल मोची ने अखबार को बताया कि जब मामला बातचीत से नहीं निपटा, तब उन्होंने पुलिस में पुजारी, उसके बेटे और एक अन्य शख्स मधु मेहता के खिलाफ धमकी और एससी-एसटी ऐक्ट के तहत केस दर्ज कराया। हालांकि, खबर लिखे जाने तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।