राजस्थान के अलवर में गोरक्षा के नाम पर गोरक्षकों द्वारा गाय ले जाने वालों की पिटाई और एक शख्स की हत्या के मामले को लेकर गुरुवार(6 मार्च) को राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस ने इस मामले में संसद में स्थगन प्रस्ताव दिया है। जबकि सरकार ऐसी घटना होने से ही इनकार कर दिया है।
वहीं, राज्यसभा में उपसभापति ने सरकार से कहा है कि गृह मंत्रालय रिपोर्ट दे कि अलवर में कोई हिंसा नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि प्रमाण के बाद ही इस विषय पर चर्चा की जाएगी। उपसभापति द्वारा रिपोर्ट मांगे जाने के बावजूद विपक्ष ने हंगामा जारी रखा।
सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि गोरक्षा के नाम पर सरकार गुंडागर्दी का समर्थन नहीं करती। ये मामला बेहद संवेदनशील है और सदन से कोई गलत संदेश नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह की घटना पेश की जा रही है, ऐसी कोई घटना जमीन पर नहीं हुई है।
Jis tarah ki ghatna pesh ki ja rahi hai, aisi koi ghatna zameen par nahi hui hai: Mukhtar Abbas Naqvi in RS on Rajasthan's Alwar incident pic.twitter.com/ZqrUBwdwP1
— ANI (@ANI) April 6, 2017
नकवी के बयान का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मुझे बहुत अफसोस है कि मंत्रियों को कोई जानकारी नहीं है। यहां तक कि न्यूयॉर्क टाइम्स(अमेरिका का अखबार) भी जानता है लेकिन मंत्री नहीं जानते।
क्या है पूरा मामला?
राजस्थान के अलवर के बहरोड़ थाना क्षेत्र में कथित गोरक्षकों की भीड़ द्वारा गाय लेकर जा रहे मुस्लिम समुदाय के 15 लोगों पर किए गए हमले में बुरी तरह जख्मी होकर तीन अप्रैल को 55 वर्षीय पहलू खान नाम की मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में हत्या का केस दर्ज कर लिया है और तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
मेवात जिले के नूंह तहसील के जयसिंहपुर गांव के रहने वाले पहलू खान एक अप्रैल को अपने दो बेटों और पांच अन्य लोगों के साथ जब गाय खरीदकर लौट रहे थे, तब राजस्थान के बहरोड़ में कथित गोरक्षों ने गो-तस्करी का आरोप लगाकर उन लोगों की जमकर पिटाई की।
भीड़ के हमले में अन्य लोगों के साथ बुरी तरह से पिटाई के शिकार हुए 55 साल के पहलू खान ने सोमवार रात 3 अप्रैल को दम तोड़ दिया था। जबकि बाद में मिले दस्तावेजों से साफ होता है कि उनके पास गाय ले जाने के दस्तावेज भी थे। इन रसीदों में इन लोगों द्वारा जयपुर नगर निगम और दूसरे विभागों को चुकाए गए पैसों की रसीद है, जिसके तहत वे कानूनी रूप से गायों को ले जाने का हक रखते थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मारपीट करने वाले लोग हिंदू वादी संगठन बजरंग दल, हिन्दू जागरण मंच और वीएचपी से जुड़े थे। हैरानी की बात ये है कि गोरक्षा के नाम भीड़ कुछ लोगों को मारती रही और पुलिस वहीं खड़ी होकर तमाशा देखती रही। वहीं, राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया का मानना है कि ‘गोरक्षकों’ ने अच्छा काम किया, लेकिन लोगों की पिटाई कर उन्होंने कानून का उल्लंघन भी किया।