महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के चुनावी हलफनामे में उनके द्वारा दो आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं देने के आरोप वाली याचिका पर शहर की एक अदालत ने सोमवार को मुख्यमंत्री को नोटिस जारी किया।
सुप्रीम कोर्ट ने एक अक्टूबर को मजिस्ट्रेटी अदालत को निर्देश दिया था कि इस मामले में फडणवीस के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की शहर के वकील सतीश उइके की याचिका पर आगे कार्यवाही की जाए। मजिस्ट्रेट एस डी मेहता ने आदेश दिया।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मजिस्ट्रेट एस डी मेहता ने आदेश में कहा कि, ‘प्रक्रिया आरोपी (फडनवीस) के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 125 ए के तहत दंडनीय अपराध के लिए जारी नोटिस किया जाता है। मुख्यमंत्री को चार दिसंबर तक नोटिस का जवाब देने को कहा गया है। 1996 और 1998 में फडणवीस के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन दोनों मामलों में आरोप तय नहीं किए गए थे।
उके ने 2014 में मजिस्ट्रेट की अदालत में एक आवेदन दायर किया था जिसमें फडनवीस के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई थी। 2015 में, मजिस्ट्रेट की अदालत ने उके के आवेदन को खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने 2016 में सत्र अदालत का रुख किया, जिसने आवेदन को अनुमति दी।
फडणवीस ने तब सत्र न्यायालय के आदेश को बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी, जिसने सत्र न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया और मजिस्ट्रेट के आदेश को खारिज कर दिया। इसके बाद उके ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की, तो सर्वोच्च अदालत ने 1 अक्टूबर को हाई कोर्ट के आदेश को अलग रखा।