केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की एक रिपोर्ट में भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों में भारी गिरावट के खुलासे को केजरीवाल सरकार ने भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस का सबूत बताया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने संसद में पेश की गई सीवीसी की एक रिपोर्ट के हवाले से शुक्रवार(14 अप्रैल) को कहा कि दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति से जनता में सरकार प्रति विश्वास बढ़ा है।
सिसोदिया ने कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली सरकार के खिलाफ सीवीसी को मिलने वाली शिकायतों में 81 प्रतिशत की गिरावट आई है। रिपोर्ट के अनुसार सीवीसी को साल 2015 में दिल्ली सरकार में भ्रष्टाचार से जुड़ी 5139 शिकायतें मिली थीं, जबकि पिछले साल 969 शिकायतें मिलीं।
सिसोदिया ने इसे सरकारी तंत्र में फैले भ्रष्टाचार के स्तर में 81 प्रतिशत गिरावट का सबूत बताते हुए कहा कि इस उल्लेखनीय गिरावट का कारण सरकार में शीर्ष स्तर पर भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को सख्ती से लागू करना है।
उन्होंने स्वीकार किया कि सरकार में निचले स्तर पर भ्रष्टाचार की मौजूदगी से इंकार नहीं किया जा सकता, लेकिन सरकार के शुरुआती दिनों में भ्रष्टाचार निरोधक इकाई (एसीबी) की अधिकारियों के खिलाफ छापेमारी और मंत्रियों तक को बर्खास्त करने की घटनाओं से सरकार में उपरी स्तर पर भ्रष्टाचार नगण्य हो गया है।
सिसोदिया ने इस बात पर खुशी जताई कि दिल्ली वालों को सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार की कम शिकायतें करने का मौका मिला। उन्होंने सामान्य नागरिक सेवाओं को ऑनलाइन करने के साथ लगभग 150 से ज्यादा प्रकार के गैरजरूरी शपथपत्र जमा करने की औपचारिकता से निजात दिलाने को भ्रष्टाचार में कमी का कारण बताते हुए इसे सरकार के लिए अहम उपलब्धि बताया। हालांकि, उन्होंने केंद्न सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों में 67 प्रतिशत इजाफे पर तंज भी कसा।