दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार(26 जनवरी) को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली विधानसभा के अंदर 70 स्वतंत्रता सेनानियों के चित्रों का अनावरण किया। जिसमें अठारहवीं सदी के महान शासक टीपू सुल्तान भी शामिल है, जो मैसूर में ब्रिटिश लड़ते हुए शहीद थे।
टीपू सुल्तान के अलावा इन चित्रों में स्वतंत्रता सेनानी अशफाकुल्ला खान, भगत सिंह, बिरसा मुंडा, रानी चेन्नम्मा और सुभाष चंद्र बोस का चित्र भी शामिल था। अधिकारियों के मुताबिक प्रत्येक चित्र देश की हर एक विधानसभा का प्रतिनिधित्व करता है। वहीं, टीपू सुल्तान की तस्वीर पर बीजेपी ने विरोध दर्ज किया है। दिल्ली बीजेपी विधायकों ने इसका विरोध करते हुए टीपू सुल्तान को विवादास्पद व्यक्ति करार दिया।
राजौरी गार्डन से बीजीपी-एसएडी विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि, ‘मैं उनसे (आप) पूछना चाहता हूं कि जिस पर विवाद चल रहा है उसका चित्र क्यों शामिल किया गया? इसमें उन लोगों को क्यों नहीं शामिल किया गया जो दिल्ली से हैं? दिल्ली विधानसभा में ऐसे व्यक्ति का चित्र क्यों दिखाया गया जिसने दिल्ली और इसके इतिहास में अपनी कोई भूमिका नहीं निभाई है?’
वहीं, बीजेपी को जवाब देते हुए आम आदमी पार्टी(आप) के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि, ‘हमने बीजेपी और उनके विधायकों से पूछा था कि वे अपनी पार्टी या आरएसएस के लोगों के नाम बताएं, जिन्होंने स्वतंत्रता संघर्ष में काम किया था लेकिन उन्होंने किसी का नाम नहीं दिया।’
बीजेपी नेताओं के विरोध पर विधानसभा के स्पीकर राम निवास गोयल ने कहा कि, वो किसी भी मुद्दे पर विवाद खड़ा करने की कोशिश करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं उनसे कहना चाहता हूं कि देश के संविधान में भी पेज 144 पर टीपू सुल्तान की तस्वीर लगी है। तो फिर जिन लोगों ने देश के लिए लड़ा और संविधान लिखा वो लोग गद्दार थे या फिर बीजेपी वाले हैं। उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि बीजेपी को इस तरह की घटिया राजनीति करने के बजाए विकास की राजनीति करनी चाहिए।
बता दें कि, बीजेपी के विरोध के बाद भी टिपू का जन्मस्थान कर्नाटक की कांग्रेस सरकार साल 2015 से टीपू सुल्तान की जयंती मना रही है। जिसका भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विरोध करती रही है। बीजेपी नेता और मोदी सरकार में केंद्रीय कौशल विकास राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने पिछले दिनों टीपू सुल्तान को ‘बलात्कारी’ और ‘क्रूर हत्यारा’ करार दिया था।
बता दें कि, पिछले दिनों टीपू सुल्तान की जयंती को लेकर चल रहे राजनीतिक घमासान के बीच कर्नाटक विधानसभा और विधान परिषद की 60वीं वर्षगांठ पर संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार (25 अक्टूबर) को उनकी जमकर तारीफ करते हुए ऐतिहासिक योद्धा करार दिया था।